पटना। बिहार की राजनीति में आज फिर माहौल गरम है। विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं, और हर बयान चुनावी तापमान को और ऊपर ले जा रहा है। आज भाजपा सांसद मनोज तिवारी और जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा के बयानों ने सियासी हवा को और तीखा बना दिया।
मनोज तिवारी ने महागठबंधन पर सीधा हमला बोलते हुए उसे “ठगबंधन” कहा। उन्होंने कहा, “जब किसी दल के दिल में राज्य का विकास सबसे बड़ा मुद्दा होता है, तो वह पोजीशन में भी समझौता कर लेता है। लेकिन महागठबंधन में तो दिल ही नहीं मिला है — वहां सिर्फ सत्ता की भूख है।”
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि एनडीए ने समय रहते सीटों का बंटवारा कर लिया, लेकिन महागठबंधन अभी तक फैसला नहीं कर पाया। “नामांकन का आखिरी दिन आ गया, और उन्हें खुद नहीं पता कौन कहां से लड़ रहा है — ये कैसा गठबंधन है?”
मनोज तिवारी ने उपेंद्र कुशवाहा के प्रचार को लेकर कहा कि वे दिनारा और बक्सर जाएंगे, जहां जनता का जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। साथ ही उन्होंने प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए कहा, “जो बड़े-बड़े दावे कर रहे थे, अब मैदान छोड़कर भाग गए हैं। प्रशांत किशोर अब दिखते ही नहीं।”
खेसारी लाल यादव को लेकर उन्होंने कहा, “वो हमारे भाई हैं, लेकिन सेवा एक चुनौती होगी — कैसे करेंगे, ये देखना होगा। बिहार में इस बार एनडीए की लहर है, लेकिन खेसारी को सफलता मिलेगी या नहीं, ये वक्त बताएगा।”
अरविंद केजरीवाल पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “वो हमारे साथी हैं, भाई हैं — इसलिए उन पर कुछ कहना उचित नहीं।”
अंत में उन्होंने साफ कहा, “एनडीए बिहार को नई उड़ान देने जा रहा है। जो इसका विरोध करेगा, वो बिहार का विरोध करेगा।”
इसी बीच, बिहार में एक और बड़ी राजनीतिक हलचल हुई — गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुलाकात। पटना में दोनों की मुलाकात की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गईं। शाह आज तरारी और अमनौर में जनसभाएं करने वाले हैं, और पटना में प्रबुद्ध जनों को भी संबोधित करेंगे। इस मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में चर्चा तेज़ हो गई है कि एनडीए अब अपनी चुनावी रणनीति को धार दे रहा है।
जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “ये सिर्फ चुनावी रणनीति और सभा की तैयारी को लेकर चर्चा थी। एनडीए में कोई नाराज़गी या विवाद नहीं है। जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं, वो विपक्ष की चाल है।”
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोपहर में जगदीशपुर में जनसभा को संबोधित करेंगे, जिससे साफ है कि एनडीए पूरी तरह एकजुट और सक्रिय है।
संजय झा ने महागठबंधन पर पलटवार करते हुए कहा, “परेशानी वहां है जहां दिन में टिकट दिया जाता है और रात में वापस ले लिया जाता है। हमारे यहां सब स्पष्ट और मज़बूत है।”
एनडीए नेताओं का दावा है कि इस बार बिहार में फिर उनकी सरकार बनने जा रही है, जबकि विपक्ष में गुटबाज़ी और टिकट की खींचतान से उथल-पुथल मची हुई है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की इस सियासी जंग में “ठगबंधन” का टैग किस पर भारी पड़ता है —
एनडीए की एकजुटता या महागठबंधन की मजबूरी?

