मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल शहडोल पहुंचे, जहां उन्होंने ज़मीन पर उतरकर स्वास्थ्य सेवाओं की असल हकीकत देखी। कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण करते हुए उन्होंने अस्पताल की व्यवस्थाओं का बारीकी से जायजा लिया और कई जगहों पर अव्यवस्था देखकर नाराजगी जताई।
निरीक्षण के बाद डिप्टी सीएम ने साफ़ शब्दों में कहा — “अब वक्त आ गया है कि इस 300 बेड वाले अस्पताल को 500 बेड में अपग्रेड किया जाए।” उन्होंने कहा कि बढ़ती आबादी और मरीजों की संख्या को देखते हुए मौजूदा अस्पताल की क्षमता अब पर्याप्त नहीं है।
राजेंद्र शुक्ल ने अस्पताल की सफाई व्यवस्था, उपकरणों की कार्यक्षमता और मरीजों को दी जा रही सुविधाओं की गहराई से जांच की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को कई सख्त निर्देश दिए — “मरीजों को बेहतर सेवा मिलनी चाहिए, किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
उन्होंने विशेष रूप से मातृ मृत्यु दर (MMR) और शिशु मृत्यु दर (IMR) पर चिंता जताई और कहा कि इन्हें कम करने के लिए अब युद्ध स्तर पर काम करना होगा। स्वास्थ्य अधिकारियों को ठोस कार्ययोजना बनाकर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
निरीक्षण के दौरान स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने एक गंभीर मुद्दा उठाया — डॉक्टरों द्वारा इलाज के नाम पर पैसों की मांग की जा रही है। इस पर डिप्टी सीएम का रुख बेहद सख्त रहा। उन्होंने चेतावनी दी — “मरीजों से किसी भी तरह की अनैतिक मांग या भ्रष्टाचार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डॉक्टरों को अपने व्यवहार में संवेदनशीलता लानी होगी।”
राजेंद्र शुक्ल ने डॉक्टरों और स्टाफ से कहा कि वे समय पर अस्पताल में मौजूद रहें और सेवा भाव से मरीजों की देखभाल करें। उन्होंने साफ कहा कि सरकार की प्राथमिकता जनता को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा देना है, और इसके लिए किसी भी तरह की ढिलाई अब नहीं चलेगी।
डिप्टी सीएम के इस औचक दौरे से शहडोल के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। उनके निर्देशों के बाद उम्मीद की जा रही है कि जिले के अस्पतालों की व्यवस्था में जल्द ही बड़ा सुधार देखने को मिलेगा — और अब शहडोल को मिलेगा एक आधुनिक 500 बेड वाला जिला अस्पताल।

