पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी अब पूरे उफान पर है। इसी बीच असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) ने अपनी पहली उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। पार्टी ने कुल 25 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं, जिनमें सबसे बड़ी बात यह है कि दो गैर-मुस्लिम उम्मीदवारों को भी टिकट दिया गया है। इसे AIMIM की “नई रणनीति” और “समावेशी राजनीति” की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
पार्टी ने यह घोषणा अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल X (पूर्व में ट्विटर) के ज़रिए की। पोस्ट में लिखा गया — “बिहार विधानसभा चुनाव के लिए AIMIM अपने उम्मीदवारों के नाम जारी कर रही है। इंशाअल्लाह, हम बिहार के सबसे मज़लूम और हक़ से वंचित लोगों की आवाज़ बनेंगे।” पार्टी ने बताया कि यह सूची AIMIM बिहार यूनिट ने तैयार की है और इसे लेकर पार्टी की क़ौमी कियादत (राष्ट्रीय नेतृत्व) से भी पूरी सलाह-मशविरा किया गया है।
अगर पिछली बार की बात करें तो AIMIM ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में सीमांचल के इलाकों में अपना अच्छा प्रभाव दिखाया था और 5 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार ओवैसी की नज़र सिर्फ सीमांचल तक सीमित नहीं है — बल्कि कोसी और मगध के इलाकों में भी अपना जनाधार बढ़ाने की रणनीति पर काम चल रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दो गैर-मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट देना, AIMIM की छवि को “केवल मुस्लिम पार्टी” कहने वालों के लिए एक जवाब है। यह कदम पार्टी के वोटबैंक को विस्तारित करने और बिहार की बहु-जातीय राजनीति में नया संतुलन बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
पार्टी ने साफ संकेत दिए हैं कि यह सिर्फ शुरुआत है — आने वाले दिनों में दूसरी सूची भी जारी की जाएगी, जिससे AIMIM की चुनावी रणनीति और ज़्यादा स्पष्ट हो जाएगी।
ओवैसी की यह चाल अब बिहार की राजनीति में नई हलचल मचा रही है — और सवाल यह है कि क्या इस बार AIMIM सीमांचल से निकलकर पूरे बिहार में अपनी पकड़ मजबूत कर पाएगी?

