मऊगंज। मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले से एक ऐसी दर्दनाक खबर आई है जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। खटखरी गांव में एक मां की गोद से उसका पांच महीने का लाल छिन गया — वजह बनी एक अवैध मेडिकल स्टोर में चल रही फर्जी क्लिनिक की गलत दवा।
यह घटना हनुमना जनपद के ग्राम देवरा, वार्ड नंबर 5 की है। यहां श्वेता यादव अपने पांच महीने के बेटे दुर्गेश यादव की तबीयत बिगड़ने पर खटखरी में स्थित मिश्रीलाल गुप्ता के मेडिकल स्टोर पर इलाज कराने पहुंची थीं। परिजनों के मुताबिक जब श्वेता अपने बच्चे को लेकर वहां पहुंचीं, तो वो हंस रहा था, खेल रहा था। लेकिन दवा पिलाने के सिर्फ आधे घंटे बाद ही उसकी सांसे थम गईं।
मां का रो-रोकर कहना है — “मेरा बच्चा हंस रहा था… लेकिन दवा देने के बाद ही वो चला गया…!”
बच्चे की मौत के बाद गांव में मातम पसर गया है, और लोगों में प्रशासन के खिलाफ गुस्सा है।
जानकारी के अनुसार जिस मेडिकल स्टोर में यह इलाज हुआ, वहां ना कोई डॉक्टर था, ना कोई जांच सुविधा। जो व्यक्ति वहां कपड़ों की दुकान चलाता है, वही इस मेडिकल और क्लिनिक को अवैध तरीके से संचालित करता है। यह पूरा संचालन बिना लाइसेंस और बिना योग्यता के किया जा रहा था।
परिजनों का कहना है कि उन्होंने मामले की शिकायत डायल 112 पर की थी, लेकिन पुलिस मौके पर पहुंचकर भी कोई कार्रवाई नहीं कर पाई। चौकी प्रभारी का बयान तक आया कि — “मुझे इस घटना की कोई जानकारी नहीं है।”
जब लल्लूराम डॉट कॉम की टीम रात में मौके पर पहुंची, तो परिजनों ने साफ कहा — “गलत दवा की वजह से ही हमारे बच्चे की मौत हुई है।” लेकिन हैरानी की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग अब तक इस घटना से अनजान बना हुआ है।
एक बार फिर सवाल उठता है — कब तक ऐसी अवैध क्लिनिकें और मेडिकल स्टोर मासूमों की जान लेते रहेंगे? और कब हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था इन मौतों की जिम्मेदारी लेगी?

