दीपावली पर खाद की बोरी की आरती — विदिशा में किसानों का अनोखा प्रदर्शन, बेबसी का उजाला बन गया विरोध

विदिशा। दीपावली का त्योहार खुशियों और समृद्धि का प्रतीक होता है, लेकिन मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के सिरोंज क्षेत्र में इस बार नज़ारा बिल्कुल अलग था। यहां किसानों ने अपनी बेबसी को एक अनोखे अंदाज़ में बयां किया। खाद की भारी किल्लत से परेशान इन किसानों ने दीपावली के दिन खाद की बोरी को ही भगवान मान लिया, और उसकी पूजा-अर्चना कर आरती उतारी।

जिस दिन पूरा देश दीप जलाकर खुशियां मना रहा था, उसी दिन सिरोंज के किसानों ने खेतों में मुरझाती फसलों के बीच दीप जलाए — लेकिन किसी देवी-देवता के लिए नहीं, बल्कि उस खाद की बोरी के लिए जिसकी कमी ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है। फूल, अगरबत्ती और दीप जलाकर उन्होंने आरती की और सरकार से अपनी पुकार जताई। किसानों ने कहा, “खाद नहीं मिल रही है, फसल सूख रही है, और हमारी मेहनत बर्बाद हो रही है।”

यह कोई पहली बार नहीं है जब सिरोंज के किसानों ने इस तरह विरोध जताया हो। कुछ समय पहले एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक किसान ने अपने शरीर पर खाद की बोरी लपेट ली थी और सिरोंज के एसडीएम कार्यालय पहुंचकर गुहार लगाई थी — लेकिन हालात जस के तस हैं। किसानों का आरोप है कि सरकारी कोटे में खाद की आपूर्ति बेहद कम है, जबकि ब्लैक मार्केट में एक बोरी के दाम आसमान छू रहे हैं।

दीपावली की रात, जब हर कोई रोशनी में उम्मीद ढूंढ रहा था, सिरोंज के इन किसानों ने उसी रोशनी में अपनी लाचारी और संघर्ष की लौ जलाई — ताकि कोई उनकी आवाज़ सुन सके।

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