भोपाल। मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा सिरप कांड और बैतूल में हुई मौतों के बाद अब राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। पूरे प्रदेश में दवाओं की गुणवत्ता जांचने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया गया है, जिसके तहत हर जिले में दवाओं की जांच की जाएगी। इस योजना के लिए राज्य सरकार ने 211 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है।
अब दवाओं में होने वाली मिलावट या खराब गुणवत्ता की जांच माइक्रो लेवल पर की जाएगी। इसके लिए दवा जांच प्रणाली को पूरी तरह अपग्रेड करने की तैयारी है। जिलों में मोबाइल लैब्स की मदद से दवाओं की जांच की जाएगी ताकि मौके पर ही सैंपल की जांच संभव हो सके।
सरकार के प्रस्ताव के अनुसार, राज्य औषधि सुरक्षा और नियामक सुदृढ़ीकरण योजना (SSDRS 2.0) के तहत यह कदम उठाया जा रहा है। अब तक दवाओं की जांच सिर्फ भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर की लैब्स तक सीमित थी, लेकिन अब हर जिले में ड्रग इंस्पेक्टर का स्वतंत्र कार्यालय स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए 110 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है।
इसके साथ ही लगभग 50 करोड़ रुपये की लागत से राज्य की चारों प्रमुख ड्रग लैब्स को अपग्रेड किया जाएगा ताकि जांच प्रक्रिया तेज, आधुनिक और अधिक भरोसेमंद बन सके।
राज्य सरकार का यह कदम छिंदवाड़ा सिरप कांड जैसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने और दवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा और ठोस प्रयास माना जा रहा है।

