बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की नामांकन प्रक्रिया के बीच सासाराम से एक बड़ी राजनीतिक खबर सामने आई है। महागठबंधन की ओर से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के उम्मीदवार सत्येंद्र साह को नामांकन दाखिल करने के कुछ ही मिनटों बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पूरा मामला सोमवार का है। सत्येंद्र साह जैसे ही निर्वाची पदाधिकारी के कक्ष से बाहर निकले, पहले से मौजूद झारखंड पुलिस की टीम ने उन्हें घेर लिया और गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई 21 साल पुराने एक आपराधिक मामले में हुई है।
पुलिस के मुताबिक, झारखंड के गढ़वा थाने में वर्ष 2004 में सत्येंद्र साह के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें कोर्ट ने स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा था। इसी वारंट के आधार पर पुलिस ने यह कार्रवाई की। सदर डीएसपी वन दिलीप कुमार ने पुष्टि की कि गिरफ्तारी के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
लेकिन गिरफ्तारी के बाद सत्येंद्र साह ने इसे पूरी तरह राजनीतिक साजिश बताया। उन्होंने कहा — “मुझे पहले कभी गिरफ्तार नहीं किया गया, लेकिन जैसे ही राजद ने मुझे प्रत्याशी बनाया, विरोधियों ने षड्यंत्र के तहत यह कदम उठवाया है। यह अब मेरा नहीं, बल्कि सासाराम की जनता का चुनाव है। मुझे विश्वास है कि जनता इस अन्याय का जवाब देगी।”
उधर, जैसे ही यह खबर फैली, सासाराम का माहौल गरम हो गया। नामांकन स्थल के बाहर RJD समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और कुछ देर के लिए पुरानी जीटी रोड पर जाम की स्थिति बन गई। हालात को काबू में लाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करना पड़ा।
अब इस गिरफ्तारी से न सिर्फ महागठबंधन के खेमे में खलबली मच गई है, बल्कि सासाराम की पूरी चुनावी हवा ही बदलती नजर आ रही है। लोग अब यह सवाल पूछ रहे हैं — क्या यह वाकई कानून की कार्रवाई थी या फिर राजनीति का कोई और खेल?

