पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे और अंतिम चरण के मतदान के बीच मंगलवार सुबह अचानक एक बड़ी राजनीतिक हलचल देखने को मिली। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मतदान के दौरान अचानक जेडीयू के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के घर पहुंच गए। सुबह करीब 10 बजे जब मुख्यमंत्री की गाड़ी एक अणे मार्ग से निकली, तो अधिकारियों और मीडिया को समझ ही नहीं आया कि वे जा कहां रहे हैं। कुछ देर बाद उनकी गाड़ी सीधे ललन सिंह के सरकारी आवास पर पहुंची। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में करीब 15 से 20 मिनट तक बातचीत हुई।
हालांकि, इस मीटिंग को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच वोटिंग के बाद की रणनीति और चुनाव परिणामों के संभावित समीकरणों पर चर्चा हुई है।
यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब 14 नवंबर को बिहार चुनाव के नतीजे आने वाले हैं, और इसे राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। पार्टी के अंदरूनी समीकरण और एनडीए की आगे की रणनीति पर भी इस मीटिंग में बात होने की संभावना जताई जा रही है।
गौरतलब है कि ललन सिंह जेडीयू के संस्थापक नेताओं में से एक हैं और लंबे समय से नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं। हालांकि पिछले कुछ महीनों से दोनों के बीच मतभेदों की खबरें भी सामने आई थीं, ऐसे में मतदान के दिन यह मुलाकात और भी खास मानी जा रही है।
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया के ज़रिए जनता से अपील की थी कि वे लोकतंत्र के इस महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। उन्होंने कहा था कि पहले चरण की तरह दूसरे चरण में भी बिहार की जनता उत्साह के साथ मतदान कर रही है और इस बार महिलाओं की भागीदारी ऐतिहासिक रूप से बढ़ी है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि नीतीश और ललन सिंह की यह मीटिंग सिर्फ एक औपचारिक मुलाकात नहीं, बल्कि जेडीयू की “इनसाइड स्ट्रैटेजी” का हिस्सा हो सकती है — जो आने वाले दिनों में बिहार की सियासत की दिशा तय करेगी।

