ग्वालियर। ग्वालियर–चंबल अंचल एक बार फिर मिलावटी खाद्य सामग्री को लेकर सुर्खियों में आ गया है। इस बार फोकस घर में रोज़ाना इस्तेमाल होने वाले मसालों—हल्दी, मिर्च और धनिया—पर है, जिनमें रंग और अखाद्य सामग्री मिलाए जाने की शिकायत पर फूड सेफ्टी विभाग ने दाल बाजार में बड़ा छापा मारा। टीम ने तीन मसाला पिसाई केंद्रों पर कार्रवाई की, जहां भारी मात्रा में हरा, लाल और पीला केमिकल रंग मिला। सभी संदिग्ध मसालों के नमूने जांच के लिए भेज दिए गए हैं।
सूचना मिलने के बाद फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की टीम जब दाल बाजार पहुँची तो वहां कारोबारियों के होश उड़ गए। उड़नदस्ते ने बालाजी पिसाई केंद्र, ओमकार पिसाई केंद्र और जय बालाजी पिसाई केंद्र पर छापामार कार्रवाई की। चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि हरा रंग धनिया में, लाल रंग मिर्च पाउडर में और पीला रंग हल्दी में मिलाकर मसाले पैक कर बेचे जा रहे थे।
मंडी कमेटी वाली गली में स्थित बालाजी पिसाई केंद्र से मिलावट के संदेही नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए। वहीं जगदीश मंदिर वाली गली में जय बालाजी पिसाई केंद्र पर हल्दी में चावल का चूरा मिलता हुआ पाया गया। यहां से करीब 50 हजार रुपए कीमत के 125 किलो हल्दी और 125 किलो मिर्च पाउडर जब्त किए गए।
माणिक साहब का बाड़ा स्थित ओमकार पिसाई केंद्र पर तो मिलावट का पूरा जखीरा मिला—हरा, लाल और पीला केमिकल रंग। यहां से टीम ने धनिया, मिर्ची और हल्दी के नमूने कलेक्ट किए। साथ ही करीब 1 लाख 25 हजार कीमत के 500 किलो मिर्ची, 60 किलो धनिया, 200 किलो बेसन और 70 किलो हल्दी जब्त की गई।
फिलहाल विभाग ने सभी नमूने जांच के लिए भेज दिए हैं और मौके पर मिले केमिकल कलर्स समेत अखाद्य पदार्थों को जप्त कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। यह छापामार कार्रवाई एक बड़ा सवाल छोड़ती है—क्या हमारे घरों में इस्तेमाल हो रहे मसाले सुरक्षित हैं, या फिर हम धीरे-धीरे ज़हर खा रहे हैं?

