विधानसभा सत्र शादी समारोहों के बीच न हो – संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का बड़ा बयान

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन एक दिलचस्प लेकिन अहम मुद्दा उठा। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि विधानसभा का सत्र ऐसे समय पर न रखा जाए, जब शादी समारोह ज्यादा हों, क्योंकि कई विधायक अपने परिवार की जिम्मेदारियों के चलते सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हो पाते। उन्होंने सुझाव दिया कि अगली बार सत्र की तारीखें तय करते समय इस बात का ध्यान रखा जाए।

सदन में कैलाश विजयवर्गीय ने यह भी बताया कि प्रश्नकाल के दौरान कई विधायक अनुपस्थित रहते हैं और इसकी एक बड़ी वजह परिवार में होने वाले विवाह समारोह भी हैं। इसलिए बेहतर होगा कि सत्र का समय ऐसे मौकों से न टकराए, ताकि विधायकों की पूरी उपस्थिति बनी रहे।

इसी दौरान नगरीय प्रशासन को लेकर भी बड़ा ऐलान किया गया। मंत्री विजयवर्गीय ने स्पष्ट कहा कि नगर निकायों में प्रभाव बनाकर प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकारियों को वापस भेजा जाएगा। सागर के देवरी से विधायक बृज बिहारी पटेरिया के सवाल पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि जरूरत और योग्यता के आधार पर ही अधिकारी पदस्थ किए जाएंगे और जो बिना कारण प्रभाव डालकर आए हैं, उन्हें वापस लौटना होगा।

सत्र के दौरान भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठा। भाजपा विधायक कालू सिंह ठाकुर ने कहा कि नगर परिषद में अधिक बिल लगाए जाते हैं, सफाईकर्मियों को जरूरत से ज्यादा भुगतान किया जाता है और ऐसी स्थिति में सीएमओ को हटाया जाना चाहिए। इस पर मंत्री विजयवर्गीय ने तत्काल कहा कि धामनोद क्षेत्र बड़ा है और विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है, साथ ही सीएमओ को हटाने की भी घोषणा की।

कांग्रेस विधायक सोहनलाल बाल्मीकि ने ऑडिटोरियम भवन निर्माण का मुद्दा उठाया, जिस पर मंत्री ने कहा कि इसकी लागत बहुत ज्यादा आएगी, इसलिए गीता भवन को ऑडिटोरियम के साथ डिज़ाइन करने का सुझाव दिया गया है, जबकि परासिया के चांदामेटा क्षेत्र में ऑडिटोरियम बनाने की बात पहले ही कही जा चुकी है।

शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन हुए इन बयानों ने विधानसभा की कार्यवाही को और भी दिलचस्प बना दिया।

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