मध्यप्रदेश में 24 अक्टूबर से शुरू होगी सोयाबीन खरीदी, 9 लाख से ज्यादा किसानों ने कराया पंजीयन

भोपाल। मध्यप्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। राज्य में भावांतर भुगतान योजना के तहत सोयाबीन की खरीदी 24 अक्टूबर से शुरू होकर 15 जनवरी 2026 तक चलेगी। इस योजना में अब तक 9 लाख 36 हजार से ज्यादा किसानों ने पंजीयन कराया है। किसानों में इस योजना को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह योजना प्रदेश के किसानों के हित में शुरू की गई है और इसका पूरे राज्य में स्वागत हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस बार योजना में तीन गुना से अधिक पंजीयन हुए हैं, जो किसानों के भरोसे और सहभागिता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी किसान को योजना की प्रक्रिया में कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री निवास पर हुई समीक्षा बैठक में डॉ. यादव ने अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की। बैठक में बताया गया कि उज्जैन, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, विदिशा और सागर जैसे सात जिलों में 50-50 हजार से अधिक किसानों ने पंजीकरण करवाया है, जबकि 21 जिलों में 10 हजार से ज्यादा किसान योजना से जुड़े हैं।

सीएम ने निर्देश दिया कि सभी मंडियों और उपमंडियों में पूरी तैयारी रखी जाए ताकि किसान आसानी से अपना सोयाबीन बेच सकें। हर किसान को योजना से जुड़ी जरूरी जानकारी और सहायता समय पर मिले, इसका भी खास ध्यान रखने को कहा गया है।

योजना के तहत किसानों को उनकी उपज का भुगतान ई-उपार्जन पोर्टल के माध्यम से सीधे बैंक खाते में डीबीटी द्वारा किया जाएगा। भुगतान की जानकारी किसानों को एसएमएस से भी भेजी जाएगी।

राज्य सरकार ने मंडियों में तकनीकी और मानव संसाधन की मजबूत व्यवस्था की है। सभी मंडियों में सीसीटीवी मॉनिटरिंग, हेल्प डेस्क और प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती की गई है ताकि खरीदी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में एक और अहम पहल पर चर्चा की — सोलर पंप योजना। इस बैठक में डॉ. यादव ने सौर ऊर्जा के जरिए किसानों को सिंचाई में आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर किसान तक नई तकनीक और योजनाओं का लाभ समय पर पहुंचे।

कुल मिलाकर, मध्यप्रदेश में किसानों के लिए यह खरीदी सीजन बेहद अहम होने वाला है। भावांतर योजना के ज़रिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि किसानों को उनकी मेहनत का पूरा भाव मिले और प्रदेश कृषि के क्षेत्र में और मज़बूत कदम बढ़ा सके।

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