मध्यप्रदेश के किसानों के लिए धनतेरस बनी खुशियों की सौगात — सीएम डॉ. मोहन यादव ने की बड़ी घोषणाएं

भोपाल। धनतेरस के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के अन्नदाताओं को बड़ी राहत दी है। अब किसानों को सोलर पंप लेने के लिए 40 फीसदी नहीं, बल्कि सिर्फ 10 फीसदी राशि ही देनी होगी। बाकी 90 फीसदी रकम सरकार खुद वहन करेगी। इतना ही नहीं, जिन किसानों के पास 3 हॉर्स पावर कनेक्शन है, वे भी अब 5 हॉर्स पावर का सोलर पंप केवल 10 फीसदी कीमत पर प्राप्त कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने यह ऐलान मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित किसान सम्मेलन के दौरान किया। हजारों किसानों की मौजूदगी में उन्होंने कहा — “सारे पुण्य एक तरफ, और अन्नदाता की सेवा एक तरफ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान कल्याण के लिए पूरी तरह समर्पित हैं, और हमारी सरकार भी उसी संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है।”

डॉ. मोहन यादव ने बताया कि पहले किसानों को आपदा राहत के लिए सर्वे के बाद भुगतान का इंतज़ार करना पड़ता था, लेकिन अब फसल कटते ही नुकसान का पैसा सीधे खाते में पहुंच रहा है। उन्होंने कहा — “सोयाबीन की फसल को नुकसान हुआ, और राहत राशि पहले ही किसानों के अकाउंट में पहुंच गई। यही है हमारी प्रतिबद्धता।”

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और कहा कि “कांग्रेस ने कभी किसी किसान के बेटे को मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया। आज मैं खुद किसान परिवार से हूं, इसलिए अन्नदाता के दर्द को समझता हूं। जो खेत में धूप में जलता है, ओलों और सूखे का सामना करता है — वही असली नायक है।”

उन्होंने कांग्रेस शासन की नीतियों को “किसानों के साथ अन्याय” बताया और कहा कि “1956 से 2003 तक कांग्रेस ने नर्मदा के पानी का इस्तेमाल तक नहीं करने दिया। उस वक्त सिर्फ साढ़े सात लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती थी। लेकिन आज भाजपा सरकार ने यह क्षेत्र कई गुना बढ़ा दिया है। पहले गेहूं का भाव 500 रुपये था, अब 2600 रुपये हो गया — यह है भाजपा के काम करने की रफ्तार।”

सीएम ने आगे कहा कि “कांग्रेस के समय में किसानों को डीजल के लिए लाइन में लगना पड़ता था, बिजली मिलना मुश्किल था। आज प्रदेश बिजली सरप्लस है, गांवों में भी 24 घंटे बिजली उपलब्ध है।”

उन्होंने विस्तार से बताया कि “किसानों को 6 हजार रुपये किसान सम्मान निधि से मिलते हैं, और 6 हजार रुपये प्रधानमंत्री की ओर से आते हैं। अब सोलर पंप योजना में क्रांतिकारी बदलाव किया गया है — पहले 40 फीसदी किसान और 60 फीसदी सरकार देती थी, अब किसानों को सिर्फ 10 फीसदी देना होगा।”

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आने वाले समय में राज्य सरकार किसानों को उनकी फसल का पूरा मूल्य दिलाने के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स लगाएगी, ताकि किसी किसान को अपनी फसल सड़कों पर फेंकनी न पड़े। “हम अन्न का अपमान नहीं होने देंगे, उसमें देवताओं का वास होता है,” — उन्होंने कहा।

उन्होंने बताया कि सरकार नदी जोड़ो योजना के ज़रिए सिंचाई का रकबा 100 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने पर काम कर रही है। मध्यप्रदेश आज संतरा, मसाला, लहसुन, धनिया और तिलहन उत्पादन में नंबर-1 पर है।

अंत में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी किसानों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा — “यह मुख्यमंत्री निवास नहीं, किसानों का घर है। लाड़ली बहनों को भाई दूज के दिन 250 रुपये अतिरिक्त लाभ मिलेगा, और किसानों के जीवन में समृद्धि की यह रोशनी यूं ही जलती रहेगी।”

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