बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों का काउंटडाउन शुरू हो चुका है और पटना में मतगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पटना जिले के सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों में मतगणना को लेकर प्रशासन ने आज बड़ी कार्रवाई की, जहां समाहरणालय स्थित एनआईसी दफ्तर में मतगणना कर्मियों का दूसरा रेंडमाइजेशन संपन्न हुआ। इस प्रक्रिया को भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार ईपीएमआईएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से पूरा किया गया। मौके पर जिला पदाधिकारी और निर्वाचन प्रेक्षक खुद मौजूद रहे।
इस बार कुल 920 कर्मियों का रेंडमाइजेशन किया गया है। इनमें 286 मतगणना पर्यवेक्षक, 348 मतगणना सहायक, 286 माइक्रो ऑब्जर्वर और 140 रिजर्व कर्मी शामिल हैं। ईवीएम मतगणना के लिए 672 कर्मियों को लगाया गया है, जबकि पोस्टल बैलेट की गिनती के लिए 248 कर्मियों की तैनाती की गई है।
मतगणना 14 नवंबर की सुबह 8 बजे पटना के ए.एन. कॉलेज में शुरू होगी। सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों के लिए अलग-अलग हॉल तैयार किए गए हैं। कुल 244 मतगणना टेबल बनाए गए हैं — जिनमें से 196 टेबल ईवीएम काउंटिंग और 48 टेबल पोस्टल बैलेट गिनती के लिए निर्धारित हैं। हर विधानसभा क्षेत्र के लिए 14 टेबल और एक सहायक निर्वाचन अधिकारी की टेबल तय की गई है ताकि पूरी प्रक्रिया सुचारू रूप से चले।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी प्रशासन ने कोई ढिलाई नहीं छोड़ी है। मतगणना स्थल पर सख्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं, पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और अनधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश पर पूर्ण पाबंदी रहेगी। शांति और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में दंडाधिकारी और पुलिस बल तैनात रहेंगे।
जिलाधिकारी त्यागराजन एस.एम. ने कहा कि मतगणना लोकतंत्र की सबसे अहम प्रक्रिया है और इसे पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ कराया जाएगा। इसके लिए तीन अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं — निर्वाची पदाधिकारी टीम, ईवीएम-वीवीपैट परिचालन टीम और स्ट्रॉन्ग रूम टीम।
डीएम ने मतदान प्रक्रिया की भी सराहना की और कहा कि इस बार जनता की भागीदारी अभूतपूर्व रही है। उन्होंने भरोसा जताया कि मतगणना भी उसी पारदर्शिता और शांति के साथ संपन्न होगी, जैसा मतदान के दौरान देखने को मिला था। अब नजरें 14 नवंबर की सुबह पर टिकी हैं, जब बिहार की सियासत का फैसला ईवीएम से बाहर निकलेगा।

