पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे और अंतिम चरण में मंगलवार को राज्य के 20 जिलों की 122 सीटों पर वोटिंग शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। सुबह से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें दिखीं। लोगों ने लोकतंत्र के इस महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। चुनाव आयोग के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, इस चरण में औसतन लगभग 68 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है, जो पिछले चुनावों की तुलना में बेहतर माना जा रहा है।
सबसे ज़्यादा मतदान किशनगंज में हुआ, जहां 76.26 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कटिहार में 75.23 प्रतिशत, पुर्णिया में 73.79 प्रतिशत, सुपौल में 70.69 प्रतिशत और पूर्वी चंपारण में 69.31 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। इन जिलों में खासतौर पर महिलाओं की भागीदारी बेहद उत्साहजनक रही।
वहीं दूसरी ओर नवादा में सबसे कम यानी 57.11 प्रतिशत मतदान हुआ। रोहतास में 60.59 प्रतिशत और मधुबनी में 61.79 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई। अरवल में 63.06, जहानाबाद में 64.36 और औरंगाबाद में 64.48 प्रतिशत मतदान के साथ औसत स्तर का उत्साह देखने को मिला।
अररिया, गया, जमुई, कैमूर, शिवहर और भागलपुर जैसे जिलों में भी मतदान का प्रतिशत संतोषजनक रहा — सभी जगह औसतन 66 से 68 प्रतिशत के बीच वोटिंग दर्ज की गई।
चुनाव आयोग के अनुसार पूरे राज्य में मतदान शांतिपूर्ण रहा। किसी बड़े व्यवधान की खबर नहीं आई। ग्रामीण इलाकों में सुबह से ही मतदाताओं की भीड़ उमड़ पड़ी, जबकि शहरी इलाकों में दोपहर बाद वोटिंग की रफ्तार तेज़ हुई।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस चरण में हुआ भारी मतदान कई सीटों के समीकरण बदल सकता है। अब सबकी निगाहें 122 सीटों वाले इस निर्णायक चरण के नतीजों पर टिकी हैं — जो यह तय करेगा कि बिहार की सत्ता की डोर आखिर किसके हाथ में जाएगी।

