मिथिलांचल की आवाज़ से गूंजा बिहार विधानसभा – पहली बार विधायकों ने मैथिली में ली शपथ

पटना। सोमवार का दिन बिहार विधानसभा के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गया, क्योंकि पहली बार सदन में मिथिलांचल की मधुर आवाज़ गूंजी और क्षेत्र से जीतकर आए सभी विधायकों ने अपनी मातृभाषा मैथिली में शपथ लेकर इतिहास रच दिया। अलीनगर से विजयी होकर पहुंचीं लोकप्रिय मैथिली गायिका और अब विधायक बनीं मैथिली ठाकुर सबका ध्यान अपनी ओर खींचती रहीं। एक-एक करके मिथिलांचल के सभी विधायकों ने मैथिली भाषा में एक सुर में शपथ ली और सदन में एक सांस्कृतिक गर्व का माहौल बना दिया।

मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद गया के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार ने शपथ ली और उनके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी सदन में शपथ ग्रहण किया। अरुण शंकर प्रसाद, विनोद नारायण झा, सुधांशु, मीना कुमारी, आसिफ़ अहमद, माधव आनंद और नीतीश मिश्रा ने भी पूरी आत्मीयता के साथ मैथिली में शपथ लेकर अपनी क्षेत्रीय पहचान को मजबूती दी।

वहीं सीमांचल के विधायकों ने अपनी अलग पहचान कायम करते हुए उर्दू में शपथ ली—आबिदुर्रहमान, कमरूल होदा, कोचाधामन से सरबर आलम, अमौर से अख्तरुल ईमान और जोकीहाट से मुर्शीद आलम ने जब उर्दू में शपथ पूरी की, तो अंत में एक साथ “जय बिहार–जय सीमांचल” कहकर क्षेत्रीय एकता और गर्व का संदेश दिया।

सदन की गरिमा तब और बढ़ गई जब पूर्व उपमुख्यमंत्री और कटिहार से विधायक तारकिशोर प्रसाद ने संस्कृत में शपथ लेकर पूरे माहौल को शास्त्रीय और पारंपरिक रंग से भर दिया।

इसी के साथ बिहार की 18वीं विधानसभा का पहला सत्र शुरू हुआ, जहां मंत्रियों की शपथ के बाद नवनिर्वाचित विधायक एक–एक कर सदन में शपथ लेने पहुंचे। जैसे ही सम्राट चौधरी ने अपनी शपथ पूरी की, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव खड़े होकर उनका अभिवादन करने लगे और दोनों नेताओं ने हाथ मिलाकर राजनीतिक तनाव के बीच सौहार्द का संकेत दिया। डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैर छुए और फिर तेजस्वी यादव से गले मिले। दोनों नेताओं की हल्की-फुल्की बातचीत ने भी सदन का माहौल सहज बनाए रखा।

इस बीच कुछ दृश्य बिल्कुल अलग और दिलचस्प थे—गया के टेकारी से विधायक अजय डांगी ऑटो से विधानसभा पहुंचे, जबकि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और आठवीं बार जीते प्रेम कुमार ने सदन में प्रवेश करते ही परंपरागत नमस्कार कर सबका ध्यान खींचा।

सदन के बाहर ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विरोध करना विपक्ष का अधिकार है, लेकिन सरकार के रोजगार और उद्योग विकास कार्यक्रमों का समर्थन करना भी ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की बयानबाज़ी ने उन्हें 40 सीटों पर पहुंचा दिया और यदि इसी तरह चलता रहा, तो जनता पूरी तरह उन्हें बाहर भी कर सकती है। कांग्रेस विधायकों के जदयू से संपर्क पर उन्होंने कहा कि विकास के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं, जबकि विधानसभा अध्यक्ष के चयन पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।

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