बिहार की सियासत एक बार फिर गरम हो गई है… और इस बार चर्चा में हैं मोकामा के बाहुबली पूर्व विधायक और जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह। दुलारचंद यादव हत्याकांड मामले में उनका नाम सामने आने के बाद पूरा इलाका सियासी हलचल से भर उठा है।
मामला जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या का है। आरोप है कि प्रचार के दौरान अनंत सिंह के समर्थकों ने दुलारचंद पर पहले गोली चलाई और फिर गाड़ी चढ़ाकर उसकी हत्या कर दी। मृतक के परिवार ने अनंत सिंह, उनके दो भतीजों रणवीर सिंह और कर्मवीर सिंह सहित पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। पुलिस ने मृतक के पोते के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज की है, हालांकि अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
दूसरी ओर, अनंत सिंह ने खुद पर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा — “हम लोग टाल में वोट मांग रहे थे, तभी देखा कुछ गाड़ियां खड़ी हैं। जैसे ही हम आगे बढ़े, ‘मुर्दाबाद’ के नारे लगने लगे। फिर अचानक पथराव शुरू हो गया। सड़क पर पहले से ईंट-पत्थर रखे थे, पूरी साजिश रची गई थी। ये सब सूरजभान का खेल है। दुलारचंद उसी के साथ रहता था, उसी के कहने पर आया था।”
मोकामा की सीट इस बार बेहद हाईप्रोफाइल हो गई है। जेडीयू से अनंत सिंह मैदान में हैं, तो आरजेडी ने सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को टिकट दिया है। वहीं जन सुराज पार्टी से पीयूष प्रियदर्शी चुनाव लड़ रहे हैं। यानी मुकाबला सीधा त्रिकोणीय हो गया है।
लेकिन अब इस हत्याकांड ने सियासी समीकरणों में नया मोड़ ला दिया है। एक तरफ पुलिस जांच तेज़ है, वहीं दूसरी तरफ जनता के बीच चर्चा गर्म है कि क्या इस मामले का असर अनंत सिंह की उम्मीदवारी पर पड़ेगा?
चुनाव नज़दीक हैं, और मोकामा की फिज़ा अब पहले से कहीं ज्यादा सुलगती नज़र आ रही है।

