पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य में सियासी माहौल गरमा गया है। नकदी और अवैध लेनदेन पर नकेल कसने के लिए पुलिस और एजेंसियां पूरी तरह एक्टिव हो गई हैं। शुक्रवार को गोपालगंज, भोजपुर और पटना में हुई लगातार बड़ी कार्रवाइयों ने पूरे चुनावी माहौल में हलचल मचा दी है।
सबसे चौंकाने वाला मामला सामने आया है गोपालगंज जिले के थावे विधानसभा क्षेत्र के कबिलासपुर गांव से — जहां थावे थाना पुलिस और फ्लाइंग स्क्वॉड टीम ने एक चाय दुकानदार के घर से बक्सों में भरे करीब 1 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं। बताया जा रहा है कि यह रकम संतोष प्रसाद के घर से मिली, जो गैस रिपेयरिंग का काम करते हैं, जबकि उनका बेटा गांव में चाय की दुकान चलाता है। पुलिस को वहां से कई बैंक पासबुक और संदिग्ध दस्तावेज भी मिले हैं। फिलहाल, पिता और पुत्र दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इतनी बड़ी रकम कहां से आई और चुनाव से पहले इसका इस्तेमाल कहां होने वाला था।
उधर भोजपुर जिले के गांगी चेकपोस्ट पर स्टैटिक सर्विलांस टीम (SST) ने देर रात बड़ी कार्रवाई की। रूटीन चेकिंग के दौरान एक बाइक की डिक्की से 50 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। मौके पर पकड़े गए युवक की पहचान दीपक कुमार सिंह, निवासी सकड़ी गांव (थाना कोईलवर) के रूप में हुई। युवक का दावा है कि यह रकम एक हार्डवेयर कारोबारी की है, लेकिन वह इसका कोई वैध प्रमाण नहीं दे सका।
इसी बीच पटना से भी एक और बड़ी खबर आई, जहां निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता संजीव कुमार के घर और दफ्तर पर छापा मारा। कंकड़बाग स्थित इंदिरा नगर आवास और हज भवन के पास कार्यालय में चार घंटे तक चली कार्रवाई में 7.5 लाख रुपये नकद, ज्वेलरी और संपत्ति से जुड़े कई दस्तावेज बरामद किए गए। शुरुआती जांच में सामने आया है कि संजीव कुमार की संपत्ति उनकी ज्ञात आय से 44 प्रतिशत अधिक है।
एक ही दिन में हुई इन तीन बड़ी कार्रवाइयों ने प्रशासन और चुनाव आयोग दोनों को सतर्क कर दिया है। पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को सख्त निर्देश दिए हैं कि काले धन और अवैध कैश के लेनदेन पर कड़ी निगरानी रखी जाए, ताकि किसी भी कीमत पर मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश न हो सके।
चुनाव से पहले बिहार में यह कैश कनेक्शन अब सियासत के केंद्र में है — और आने वाले दिनों में इस पर और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

