बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंच रहा है, वैसे-वैसे सियासी ड्रामा भी और दिलचस्प होता जा रहा है। कैमूर जिले की चैनपुर विधानसभा सीट पर इस वक्त सबसे बड़ा बवाल मचा हुआ है, क्योंकि यहां महागठबंधन के ही दो-दो उम्मीदवार आमने-सामने आ गए हैं। एक तरफ हैं आरजेडी के बृज किशोर बिंद, तो दूसरी तरफ वीआईपी पार्टी के बाल गोबिंद बिंद, जो खुद को असली महागठबंधन उम्मीदवार बता रहे हैं।
मंगलवार को मुंडेश्वरी धाम परिसर में वीआईपी पार्टी ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए एक बड़ी जनसभा का आयोजन किया। इस सभा में कांग्रेस और राजद के कई स्थानीय नेता भी मंच पर नजर आए। भीड़ इतनी जबरदस्त थी कि बार-बार “वीआईपी जिंदाबाद” के नारे पूरे मैदान में गूंजते रहे। मंच से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भभुआ के पूर्व विधायक रामचंद्र सिंह यादव ने सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि बक्सर के सांसद सुधाकर सिंह अपने भाई अजित सिंह को जीताने के लिए चैनपुर में साजिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा से आए एक उम्मीदवार को राजद का टिकट दिलवाया गया है ताकि महागठबंधन कमजोर हो सके, लेकिन हम ऐसे उम्मीदवार को असली साथी नहीं मानते।
रामचंद्र सिंह यादव ने जनता के सामने साफ एलान किया — “अब से हमारे लिए महागठबंधन का असली उम्मीदवार सिर्फ एक है — वीआईपी पार्टी के बाल गोबिंद बिंद! 7 नवंबर को जब नतीजे आएंगे, तो चैनपुर की जनता खुद बता देगी कि असली चेहरा कौन है।”
बाल गोबिंद बिंद ने भी मंच से जनता को भावनात्मक अंदाज में संबोधित किया। उन्होंने कहा — “मैं लंबे समय से वीआईपी पार्टी से जुड़ा हूं, जनता की सेवा ही मेरा धर्म है। हमारे नेता मुकेश सहनी ने खुद मुझे चैनपुर से चुनाव लड़ने का सिंबल दिया है। मैं किसी गठबंधन की सवारी नहीं कर रहा, मैं जनता के भरोसे मैदान में हूं।” उन्होंने कहा कि राजद प्रत्याशी कौन है, इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता — “जनता हमें जानती है, हमारा संघर्ष जानती है, और इस बार वोट विकास और ईमानदारी के नाम पर ही पड़ेगा।”
अब चैनपुर में माहौल पूरी तरह बंट चुका है। एक ओर आरजेडी और उसके समर्थक बृज किशोर बिंद के साथ हैं, तो दूसरी ओर कांग्रेस और वीआईपी पार्टी के कार्यकर्ता बाल गोबिंद बिंद को असली उम्मीदवार मानकर प्रचार में जुट गए हैं। गांव-गांव में चर्चा है कि “दोनों महागठबंधन के हैं, तो असली कौन?”
7 नवंबर को वोटिंग के साथ इस रहस्य का भी पर्दाफाश हो जाएगा कि चैनपुर में जनता किसे अपना असली नुमाइंदा चुनती है — आरजेडी का चेहरा, या वीआईपी का बागी जो अब जनता के दिल में उतर चुका है।

