Bihar Election: ओवैसी की पार्टी का बड़ा एलान — बिहार में तीसरा मोर्चा बनकर उतरेगी AIMIM, 16 जिलों में लड़ेगी चुनाव

Bihar Politics: बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा मोड़ आने वाला है, क्योंकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन, यानी AIMIM ने विधानसभा चुनाव में तीसरा मोर्चा बनकर उतरने का ऐलान कर दिया है।
प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान और राष्ट्रीय प्रवक्ता आदिल हुसैन ने किशनगंज में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि पार्टी इस बार 16 जिलों की 32 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। खास बात ये है कि AIMIM इस बार कई सीटों पर महिला प्रत्याशियों को भी मौका देने जा रही है।

अख्तरुल ईमान ने कहा कि उन्होंने धर्मनिरपेक्ष वोटों के बिखराव को रोकने के लिए राष्ट्रीय जनता दल यानी RJD को गठबंधन का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन जब उस पर कोई जवाब नहीं मिला, तो पार्टी ने स्वतंत्र रूप से तीसरा मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। ईमान का कहना है कि AIMIM अब पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरेगी, और एनडीए और महागठबंधन दोनों को अपनी मौजूदगी का एहसास कराएगी।

उन्होंने बताया कि पार्टी किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, गया, मोतिहारी, नवादा, जमुई, भागलपुर, सिवान, दरभंगा, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, वैशाली और गोपालगंज — इन 16 जिलों में चुनाव लड़ेगी। उनका कहना है कि इन 32 सीटों में से 19 सीटों पर फिलहाल महागठबंधन के विधायक हैं, लेकिन इस बार AIMIM इन सीटों पर नया समीकरण बनाएगी।

अख्तरुल ईमान ने यह भी बताया कि उन्होंने खुद लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को पत्र लिखकर गठबंधन की इच्छा जताई थी, लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला, तो अब पार्टी ने अपने संगठन को विस्तार देने का फैसला लिया है। उनका कहना है कि समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ मिलकर AIMIM तीसरे मोर्चे की संभावनाएं तलाश रही है, और जल्द ही उम्मीदवारों की पूरी सूची जारी कर दी जाएगी।

उन्होंने याद दिलाया कि 2020 के विधानसभा चुनाव में AIMIM ने बसपा और उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, और उस चुनाव में पार्टी ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी। साथ ही कई सीटों पर राजद और कांग्रेस को नुकसान भी पहुंचाया था।

अब जब बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखें नज़दीक आ रही हैं — 6 और 11 नवंबर को मतदान और 14 नवंबर को मतगणना — AIMIM का ये फैसला राज्य की राजनीति में नया समीकरण खड़ा कर सकता है।
देखना दिलचस्प होगा कि ओवैसी की पार्टी तीसरा मोर्चा बनकर क्या वाकई बिहार की सियासत में नई दिशा तय कर पाती है या नहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *