सहरसा। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की गहमागहमी अब सहरसा में पूरी रफ़्तार पकड़ चुकी है। जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों से अब तक कुल 26 प्रत्याशियों ने एनआर रसीद कटाई है। लेकिन अभी तक महागठबंधन की ओर से किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है, जिससे कार्यकर्ताओं में बेचैनी और मतदाताओं में हल्की उदासीनता साफ दिखाई दे रही है।
निर्वाचन आयोग के तय कार्यक्रम के मुताबिक नामांकन की अंतिम तारीख 17 अक्टूबर रखी गई है। अब जैसे-जैसे यह तारीख करीब आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों में हलचल बढ़ने लगी है। सीटों के बंटवारे और प्रत्याशी चयन में जारी सुस्ती के कारण कई बड़ी सीटों पर अब भी सस्पेंस बरकरार है।
अगर सहरसा जिले की बात करें, तो सोनबरसा (सुरक्षित) सीट से 2, सिमरी बख्तियारपुर से 4, महिषी से 12 और सहरसा विधानसभा क्षेत्र से 8 प्रत्याशियों ने अब तक अपनी एनआर रसीद कटाई है। आंकड़ों से साफ है कि महिषी और सहरसा की सीटों पर मुकाबला काफी दिलचस्प होता जा रहा है।
गुरुवार को माहौल तब और रंगीन हो गया जब महिषी विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी राजा कुमार और सहरसा से निर्दलीय उम्मीदवार रमेश साह ने नामांकन दाखिल किया। दोनों के समर्थकों ने फूल-मालाओं, नारों और ढोल-नगाड़ों के साथ जबरदस्त स्वागत किया। सड़कों पर चुनावी जोश और जनता का उत्साह चरम पर दिखा।
नामांकन के बाद दोनों निर्दलीय उम्मीदवारों ने कहा कि वे किसी पार्टी के सहारे नहीं, बल्कि जनता के आशीर्वाद के भरोसे मैदान में उतरे हैं। उनका कहना था कि वे बिजली, स्वास्थ्य, सड़क, बेरोजगारी, पलायन और शिक्षा जैसी जन-समस्याओं को मुद्दा बनाकर जनता के बीच जाएंगे। उनका मकसद सिर्फ चुनाव लड़ना नहीं, बल्कि विकास की नई दिशा तय करना है।
उधर, महागठबंधन की चुप्पी अब पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए चिंता का कारण बन चुकी है। लगातार बैठकों और बातचीत के बावजूद सहरसा सीट पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं हुई है। सूत्र बताते हैं कि सीट बंटवारे और स्थानीय समीकरणों को लेकर चर्चा अभी जारी है।
अब सवाल ये है — क्या महागठबंधन अंतिम समय में कोई बड़ा दांव खेलेगा या फिर यह सस्पेंस सहरसा की सियासत में नया मोड़ लाएगा?
जैसे-जैसे नामांकन की आखिरी तारीख करीब आ रही है, वैसे-वैसे सहरसा की राजनीति में हलचल तेज़ होती जा रही है। आने वाले दिनों में कुछ चौंकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं, और सहरसा का चुनावी रण अब वाकई दिलचस्प बनने वाला है।

