Tej Pratap Yadav Nomination: बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल अब पूरी तरह गरमा चुका है, और इस बार सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहने वाली सीट बन गई है — महुआ। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर इसी सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। गुरुवार, 16 अक्टूबर को तेज प्रताप यादव महुआ अनुमंडल कार्यालय पहुंचे और अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन से पहले उन्होंने अपने समर्थकों के साथ जोरदार रोड शो किया, और एक बार फिर साबित कर दिया कि वे अब भी मैदान छोड़ने वाले नहीं हैं।
लेकिन तेज प्रताप के नामांकन से ज्यादा चर्चा में रही उनकी बहन रोहिणी आचार्य का पोस्ट। रोहिणी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अपने भाई की तस्वीर साझा करते हुए लिखा — “तुम्हें दुनिया की सारी सफलता और खुशियाँ मिलें, और तुम हमेशा उजाले की तरह आगे बढ़ते रहो… भाई। ढेरों शुभकामनाएं, स्नेह और आशीर्वाद।”
ये शब्द सिर्फ एक बहन का प्यार नहीं, बल्कि एक भावनात्मक संकेत भी हैं — क्योंकि लंबे समय से परिवारिक मतभेदों की खबरों के बीच यह पहला मौका है जब रोहिणी ने सार्वजनिक रूप से अपने भाई के लिए समर्थन जताया है। तेज प्रताप के नामांकन के दिन आया यह पोस्ट उनके लिए न सिर्फ हौसला है, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक संदेश भी देता है।
गौर करने वाली बात यह भी है कि हाल ही में रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद और राजद के आधिकारिक अकाउंट्स को अनफॉलो कर दिया था। इस कदम से यह कयास तेज हुए कि वह पार्टी से नाराज हैं। लेकिन अब उनके इस पोस्ट ने माहौल को बदल दिया है — मानो कह रही हों, “भाई के लिए सब कुछ।”
तेज प्रताप यादव इस बार महुआ में पूरी तैयारी के साथ उतरे हैं। नामांकन के दौरान उन्होंने अपनी दादी का फोटो अपने साथ रखा और कहा — “हमारी दादी सर्वोच्च हैं, वही हमारी गुरु हैं। जब माता-पिता और दादी का आशीर्वाद साथ हो, तो कोई चुनौती बड़ी नहीं रहती।”
याद दिला दें कि 2015 में तेज प्रताप यादव ने पहली बार महुआ से ही राजनीति में कदम रखा था और यहां से विधायक बने थे। 2020 के चुनाव में उन्होंने हसनपुर से जीत हासिल की, लेकिन इस बार वे अपने पुराने गढ़ महुआ लौट आए हैं। फर्क बस इतना है कि इस बार वे न राजद के टिकट पर हैं, न परिवार के समर्थन में — बल्कि अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल से मैदान में उतरे हैं।
महुआ सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। राजद ने इस बार तेजस्वी यादव के करीबी मुकेश रौशन को टिकट दिया है। जदयू की बागी नेत्री आसमां प्रवीण भी ताल ठोक रही हैं, जबकि ओवैसी की AIMIM ने टॉपर घोटाले के आरोपी बच्चा राय को उम्मीदवार बनाया है।
अब देखना यह होगा कि क्या तेज प्रताप अपने पुराने किले को दोबारा जीत पाते हैं या इस बार महुआ किसी और के हाथ में चली जाएगी। लेकिन एक बात तो तय है — बिहार चुनाव 2025 में सबसे ज़्यादा नज़रे इसी सीट पर टिकेंगी, जहां राजनीति के साथ-साथ भाई-बहन का यह भावनात्मक रिश्ता भी दिलों को छू रहा है।

