पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच एक बड़ी खबर माउंटेन मैन दशरथ मांझी के परिवार से जुड़ी सामने आई है। दशरथ मांझी, जिन्होंने पहाड़ काटकर रास्ता बनाया और पूरे देश में मिसाल बने, उनके बेटे भागीरथ मांझी को कांग्रेस से टिकट नहीं मिला है। इसके बाद परिवार में नाराजगी का माहौल है और कांग्रेस से उनकी मांग जोर पकड़ गई है।
भागीरथ लंबे समय से गया जिले की बाराचट्टी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। उन्हें भरोसा था कि कांग्रेस इस सीट से उन्हें टिकट देगी। लेकिन सीट बंटवारे के बाद यह सीट राजद (RJD) के खाते में चली गई। भागीरथ मांझी ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस कार्यालय में नेताओं ने उन्हें आश्वासन दिया था कि टिकट तय है। उन्होंने राहुल गांधी से पटना में मुलाकात भी की थी, जहां उनसे पूछा गया कि क्या वे चुनाव लड़ने को तैयार हैं। हालांकि, दिल्ली जाने पर उन्हें केवल आश्वासन ही मिला और टिकट नहीं मिला।
भागीरथ मांझी के दामाद मिथुन मांझी ने कहा कि हर चुनाव के समय राजनीतिक दल महादलित समाज की याद करते हैं, लेकिन टिकट बंटवारे में उन्हें नजरअंदाज किया जाता है। उन्होंने कांग्रेस से मांग की कि अगर भागीरथ को विधानसभा टिकट नहीं दिया जा सका तो कम से कम एमएलसी (विधान परिषद सदस्य) बनाकर दशरथ मांझी की सच्ची श्रद्धांजलि दी जाए।
भागीरथ ने कांग्रेस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने जून में उनके घर आकर भरोसा दिलाया था। लेकिन जब टिकट देने की बारी आई तो किसी ने कोई कदम नहीं उठाया। दिल्ली में चार दिन तक रहकर केवल दिलासा मिला। अब लगता है कि सबने ठगने का काम किया।
गौरतलब है कि इस साल जून में राहुल गांधी दशरथ मांझी के गांव पहुंचे थे और उनके परिवार से मिले थे। उस समय यह चर्चा थी कि कांग्रेस उन्हें बाराचट्टी से उम्मीदवार बनाएगी। लेकिन टिकट नहीं मिलने से मांझी परिवार में निराशा है और कांग्रेस की नीतियों पर सवाल उठ रहे हैं।

