बिहार विधानसभा चुनाव के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला मतदाताओं को साधने के लिए एक बड़ा दांव चल दिया है। रविवार को कैमूर जिले के चैनपुर विधानसभा क्षेत्र के हाटा में आयोजित चुनावी सभा में नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत दी गई 10 हजार रुपये की सहायता राशि अब किसी महिला को वापस नहीं करनी होगी।
नीतीश कुमार ने मंच से कहा कि ये राशि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दी गई थी, और अब इसे एक स्थायी सहायता के रूप में माना जाएगा। उन्होंने बताया कि जो महिलाएं अपने रोजगार को आगे बढ़ाना चाहेंगी, उन्हें सरकार की ओर से दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त मदद भी दी जाएगी। नीतीश ने दावा किया कि अब तक बिहार की एक करोड़ 51 हजार महिलाएं इस योजना का लाभ उठा चुकी हैं। राजनीतिक गलियारों में इसे महिला वोट बैंक को प्रभावित करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि जीविका समूहों से जुड़ी महिलाएं अब राज्य में एक मजबूत मतदाता शक्ति बन चुकी हैं।
सभा के दौरान नीतीश कुमार ने अपनी सरकार के बीते 20 सालों के विकास कार्यों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक समय बिहार जंगलराज में डूबा हुआ था, लेकिन अब हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जा रही है, बुजुर्गों की पेंशन 400 रुपये से बढ़ाकर 1400 रुपये कर दी गई है, और शिक्षा, सड़क व पुल निर्माण में राज्य ने बड़ी प्रगति की है।
नीतीश कुमार ने महिलाओं के सशक्तिकरण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण देकर लाखों महिलाओं को रोजगार का मौका दिया गया है। आज बिहार की महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं — चाहे वो पंचायत की राजनीति हो, शिक्षा हो या प्रशासन।
सभा के अंत में नीतीश कुमार ने चैनपुर विधानसभा सीट से एनडीए प्रत्याशी जमा खान के पक्ष में जनता से वोट देने की अपील की। उन्होंने कहा कि बिहार की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है कि एनडीए को एक बार फिर मौका दिया जाए। मंच से उतरते हुए नीतीश ने कहा — “बिहार बदल चुका है, अब इसे पीछे नहीं जाने देना है।

