बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सियासी गर्मी अब अपने चरम पर है। एनडीए के भीतर सीट बंटवारे का एलान तो हो गया, लेकिन इसके बाद भी नाराज़गी की आग ठंडी नहीं पड़ी है। खासकर हम प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का दर्द बार-बार छलकता नजर आ रहा है।
पटना में न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा — “हमें 6 सीटें मिली हैं, मन में दुख जरूर है, लेकिन हम एनडीए के फैसले के खिलाफ नहीं हैं। जो मिला है, उसी से आगे बढ़ेंगे। हर हालत में बिहार में एनडीए की सरकार बनेगी।”
उनका ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब एनडीए के भीतर लगातार नाराज़गी और असंतोष की फुसफुसाहट चल रही है। मांझी के साथ-साथ रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी खुले तौर पर अपने असंतोष के संकेत दे चुके हैं। दोनों नेताओं को गठबंधन में सिर्फ 6-6 सीटें दी गई हैं, जिससे उनके समर्थकों में भी निराशा है।
इस बीच जब राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने आईआरसीटीसी होटल भ्रष्टाचार मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय किए, तो उस पर प्रतिक्रिया देते हुए मांझी ने कहा — “वो न्यायालय का मामला है, अदालत अपना काम करेगी।”
बता दें कि बिहार एनडीए में बीजेपी और जेडीयू को 101-101 सीटें, चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) को 29 सीटें, और मांझी की ‘हम’ व उपेंद्र कुशवाहा की ‘रालोसपा’ को 6-6 सीटें दी गई हैं। सीट बंटवारे के बाद से ही छोटे सहयोगी दलों के नेताओं के बीच असंतोष का माहौल बना हुआ है।
उपेंद्र कुशवाहा ने भी एक्स (ट्विटर) पर एक शायरी पोस्ट करते हुए अपनी नाराज़गी का इशारा दिया। उन्होंने लिखा —
“आज बादलों ने फिर साजिश की,
जहां मेरा घर था वहीं बारिश की।
अगर फलक को जिद है बिजलियां गिराने की,
तो हमें भी जिद है वहीं पर आशियां बसाने की।”
अब देखना दिलचस्प होगा कि सीटों की इस सियासी जंग में मांझी और कुशवाहा एनडीए के साथ मजबूती से टिके रहते हैं या आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति कोई नया मोड़ लेती है।

