बिहार विधानसभा चुनाव के बीच सासाराम की सियासत अचानक तेज हो गई है। वजह है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एंट्री। बुधवार को फजलगंज स्टेडियम में उनकी विशाल जनसभा प्रस्तावित है, और इसी के साथ पूरे जिले का माहौल चुनावी रंग में रंग चुका है। सुबह से ही प्रशासनिक अधिकारी स्टेडियम परिसर का निरीक्षण कर रहे हैं, स्टेज से लेकर बैरिकेडिंग तक हर व्यवस्था की बारीकी से जांच की जा रही है। सुरक्षा, पार्किंग और भीड़ प्रबंधन को लेकर चाक-चौबंद इंतज़ाम किए गए हैं, ताकि कार्यक्रम में कोई कमी न रह जाए।
इधर एनडीए के कार्यकर्ता भी पूरी तैयारी में जुटे हैं। स्टेडियम और आस-पास के इलाकों में जगह-जगह पार्टी के बैनर, पोस्टर और झंडे लहरा रहे हैं। बताया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ की इस सभा में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ने की संभावना है। भाजपा नेताओं का कहना है कि योगी के आगमन से चुनावी हवा का रुख बदल सकता है, और उनका भाषण कार्यकर्ताओं में नया जोश भर देगा।
सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने किसी भी तरह का जोखिम नहीं लिया है। पुलिस बल की तैनाती बढ़ाई गई है, ड्रोन से निगरानी की जा रही है, और एसपी-डीएम खुद तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। भीड़ नियंत्रण की रणनीति तैयार है, और आपात स्थिति के लिए मेडिकल टीम और एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई है।
स्थानीय लोगों में भी जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। लोग दूर-दराज़ के गांवों से योगी आदित्यनाथ को सुनने सासाराम पहुंचने की तैयारी में हैं। सड़कों पर चर्चा है कि योगी का भाषण न सिर्फ सासाराम, बल्कि आस-पास की विधानसभा सीटों पर भी असर डालेगा।
एनडीए इस सभा को अपनी सबसे बड़ी चुनावी रैली मान रहा है, जबकि विपक्ष इसे “सिर्फ राजनीतिक प्रदर्शन” बता रहा है। लेकिन अब सबकी नज़रें टिकी हैं उस पल पर जब योगी आदित्यनाथ मंच पर पहुंचेंगे — और उनके शब्द तय करेंगे कि बिहार की हवा किस दिशा में बहेगी।

