Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सियासत का तापमान बढ़ता ही जा रहा है। इस बार महागठबंधन पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर चुका है, और अब कांग्रेस ने भी मोर्चा संभाल लिया है। पार्टी के दिग्गज नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आज से बिहार में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत कर रहे हैं।
राहुल गांधी की पहली रैली आज मुजफ्फरपुर के सकरा प्रखंड में होगी, जहां वे महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ मंच साझा करेंगे। सुबह 11 बजे मझौलिया मैदान में होने वाली यह सभा राहुल के बिहार मिशन की शुरुआत मानी जा रही है। दोपहर 1 बजे वे दूसरी सभा दरभंगा जिले के सरद प्रखंड के लोआम गांव में करेंगे।
कांग्रेस की ओर से यह भी पुष्टि की गई है कि राहुल गांधी बिहार में कुल 11 बड़ी जनसभाओं को संबोधित करेंगे। इन सभाओं के जरिए वे प्रदेश के उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक महागठबंधन के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेंगे।
राहुल गांधी का पूरा शेड्यूल भी तय है —
29 अक्टूबर: मुजफ्फरपुर और दरभंगा
30 अक्टूबर: बरबीघा और नालंदा
2 नवंबर: खगड़िया
4 नवंबर: पूर्णिया और बहादुरगंज
5 नवंबर: औरंगाबाद और वजीरगंज
7 नवंबर: फारबिसगंज और बरारी
इन सभाओं का मकसद सिर्फ प्रचार नहीं, बल्कि महागठबंधन की एकता का संदेश देना है। कांग्रेस और राजद इस बार एक साथ मंच पर दिखकर विपक्षी वोटों को मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
राहुल गांधी के बाद अब बारी होगी प्रियंका गांधी वाड्रा की। प्रियंका भी जल्द बिहार में चुनावी मैदान संभालेंगी। उनके कार्यक्रम इस प्रकार तय किए गए हैं —
3 नवंबर: लखीसराय और रोसड़ा
6 नवंबर: गोविंदगंज और चनपटिया
8 नवंबर: कदवा और कस्बा
पहले उनकी एक सभा बछवाड़ा में भी तय थी, लेकिन महागठबंधन के भीतर सीट तालमेल को ध्यान में रखते हुए उसे रद्द कर दिया गया है। कांग्रेस ने साफ किया है कि गठबंधन की एकजुटता किसी भी सीट से ज्यादा जरूरी है।
राहुल और प्रियंका के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी बिहार में तीन बड़ी सभाएं करेंगे, जिनकी तारीखें जल्द घोषित की जाएंगी।
कुल मिलाकर, महागठबंधन ने अपना प्रचार अभियान पूरी रफ्तार से शुरू कर दिया है। राहुल और प्रियंका गांधी के साथ तेजस्वी यादव का साझा मंच अब बिहार की सियासत में एक नया जोश भरने वाला है।
इस बार का संदेश साफ है — एकजुट विपक्ष बनाम एनडीए का गठजोड़, और जनता तय करेगी कि बिहार की सत्ता की कुर्सी किसे मिलेगी।

