पटना। बिहार की सियासत में एक बार फिर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. गुरु प्रकाश पासवान ने कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आज कांग्रेस की सबसे बड़ी समस्या है — “नेतृत्व और कार्यकर्ताओं के बीच असमंजस।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व कुछ और कहता है, जिला स्तर पर कुछ और निर्णय लिए जाते हैं, और जमीनी कार्यकर्ता अपनी ही राह पर चलते हैं। यही कारण है कि कांग्रेस जनता से जुड़ने में पूरी तरह असफल हो रही है।
पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डॉ. पासवान ने कहा कि हाल ही में बिहार में कांग्रेस द्वारा निकाली गई यात्रा का कोई ठोस असर नहीं दिखा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा — “जनता ने देखा कि कांग्रेस खुद अपने ही मुद्दों पर भ्रमित है, तो फिर लोग भरोसा क्यों करें?”
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस नेताओं को पहले तथ्यों और प्रक्रिया की समझ लेनी चाहिए। SIR प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस के विरोध पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि, “SIR पूरी तरह संवैधानिक और प्रशासनिक प्रक्रिया है, इसमें कुछ भी नया नहीं है।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा बिना जांच-पड़ताल के बयान देकर जनता में भ्रम फैलाने का काम करती है — और यही उसकी पुरानी आदत बन चुकी है।
डॉ. पासवान ने कांग्रेस के आंदोलनों को “मुद्दाविहीन” बताया और कहा कि कांग्रेस अब सिर्फ दिखावे की राजनीति कर रही है। उनके मुताबिक, “कांग्रेस के पास न कोई नीति बची है, न दृष्टि, और न ही कोई दिशा। जनता अब सब समझ चुकी है।”
वहीं, भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी का पूरा फोकस विकास, सुशासन और पारदर्शिता पर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है और बिहार में भाजपा के कार्यकर्ता लगातार जनता से संवाद बनाकर हर घर तक विकास की बात पहुंचा रहे हैं।
बीजेपी के इस बयान के बाद अब बिहार की सियासत में एक नया सवाल गूंज रहा है — क्या कांग्रेस सच में जनता से कट चुकी है, या भाजपा सिर्फ सियासी तीर चला रही है?

