पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कुम्हरार विधानसभा सीट से चार बार के विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने एक बड़ा ऐलान कर दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि इस बार वे चुनाव नहीं लड़ेंगे।
फेसबुक पर साझा किए गए अपने भावनात्मक संदेश में अरुण सिन्हा ने लिखा — “आगामी विधानसभा चुनाव में मैं प्रत्याशी के रूप में नामांकन नहीं कराऊंगा, लेकिन संगठन के लिए हमेशा काम करता रहूंगा। पिछले 25 वर्षों में आप सभी ने जो विश्वास और सहयोग दिया, उसका मैं सदा आभारी रहूंगा।”
इस घोषणा के बाद कुम्हरार क्षेत्र में सियासी हलचल तेज हो गई है। कई कार्यकर्ता भावुक हो गए तो कुछ ने उनके इस कदम को “संगठन के प्रति समर्पण और अनुशासन का प्रतीक” बताया।
कुम्हरार विधानसभा सीट बीजेपी का पारंपरिक गढ़ मानी जाती है, और अरुण सिन्हा पिछले दो दशकों से इस सीट पर मजबूत पकड़ बनाए हुए थे। लगातार चार बार विधायक रहने के दौरान उन्होंने स्थानीय विकास कार्यों और शहर की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को आगे बढ़ाया।
अब बड़ा सवाल यह है कि बीजेपी इस सीट पर किस नए चेहरे को मौका देगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि संगठन अब नई पीढ़ी को नेतृत्व में आगे लाने की तैयारी में है। संभावित उम्मीदवारों की पहचान का काम शुरू कर दिया गया है।
हालांकि, अरुण सिन्हा ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वे पार्टी से अलग नहीं हो रहे। बल्कि, संगठनात्मक और प्रचारात्मक स्तर पर वे नए उम्मीदवार के साथ मिलकर काम करेंगे।
उनका यह कदम न केवल बीजेपी के अंदर अनुशासन और त्याग का उदाहरण बन गया है, बल्कि यह संदेश भी दे गया कि राजनीति में पद से बड़ा संगठन होता है — और समर्पण ही सच्ची सेवा का प्रतीक।

