दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह जिले में भाजपा की अंदरूनी राजनीति एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। जिला कार्यालय में आयोजित बैठक के दौरान अचानक माहौल तब गर्म हो गया जब हटा से बीजेपी विधायक उमादेवी खटीक ने अपनी ही सरकार के दो मंत्रियों पर उनके विधानसभा क्षेत्र में दखल देने का आरोप लगा दिया। प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार के सामने दिया गया यह बयान सुनते ही बैठक में बैठे पदाधिकारी स्तब्ध रह गए।
विधायक उमादेवी खटीक ने साफ शब्दों में कहा कि दो मंत्री लगातार उनके क्षेत्र में हस्तक्षेप कर रहे हैं। उन्होंने गुस्से में यह तक कह दिया कि अगर मंत्री हटा में दखल देना बंद नहीं करते तो वे वहां अपना कार्यालय खोल लें और वह खुद इस्तीफा दे देंगी। जैसे ही माहौल बिगड़ने लगा, प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार ने स्थिति संभाली और समझाइश देते हुए कहा कि यह एक बड़ा परिवार है, बात आपस में सुलझा ली जाएगी और ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी।
इधर संस्कृति, पर्यटन और धर्मस्व राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने मीडिया के सामने इन आरोपों से हंसते हुए पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा कि विधायक से ही पूछ लें, क्या उन्होंने कभी किसी काम में हस्तक्षेप किया है। इतना कहकर वे मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गए। वहीं विधायक उमादेवी ने भी बाद में कहा कि यह परिवार का मामला है, गुस्से में बात निकल गई।
इस पूरे बयान के बाद दमोह की राजनीति में खलबली मच गई है। पार्टी कार्यकर्ताओं में चर्चा है कि यह सिर्फ असंतोष का मामला नहीं, बल्कि जिले में बढ़ती राजनीतिक खींचतान का संकेत भी है। हालांकि संगठन अभी इसे आंतरिक विवाद बताकर शांत करवाने की कोशिश में जुटा है।

