सिंगरौली में गरीबों के आशियानों पर चला बुलडोजर, कड़ाके की ठंड में खुले आसमान तले रोते रह गए परिवार

सिंगरौली। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई ने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है. प्रशासन की जमीन बताकर की गई इस कार्रवाई में एक गरीब विधवा महिला समेत कई परिवारों के मकान तोड़ दिए गए, जिसके बाद महिलाएं और मासूम बच्चे कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए. टूटे घरों के मलबे के बीच रोती-बिलखती महिलाओं और बच्चों का दर्द हर किसी की आंखें नम कर रहा है.

बीस से तीस साल से रह रहे थे लोग, बिना नोटिस कार्रवाई का आरोप
यह मामला सिंगरौली जिले के मोरवा थाना क्षेत्र के महदेईया गांव का है, जहां पीड़ितों का कहना है कि वे पिछले 20 से 30 वर्षों से इसी जगह पर मकान बनाकर रह रहे थे और पूरी तरह भूमिहीन हैं. महिलाओं का आरोप है कि बिना किसी पूर्व सूचना या नोटिस के अचानक बुलडोजर चला दिया गया. घरों में रखा राशन, बर्तन और जरूरी सामान मलबे में दब गया. पीड़ितों का कहना है कि अगर उन्हें थोड़ा भी समय दिया जाता तो वे कम से कम अपना जरूरी सामान तो निकाल सकती थीं.

कलेक्टर से मिले आश्वासन के बाद भी गिराए गए घर
पीड़ित महिलाओं ने बताया कि एक दिन पहले ही उन्होंने जिले के कलेक्टर गौरव बैनल से मुलाकात की थी, जहां उन्हें भरोसा दिलाया गया था कि उनके मकान नहीं तोड़े जाएंगे. लेकिन अगले ही दिन प्रशासन की कार्रवाई ने उस भरोसे को तोड़ दिया. घर उजड़ने के बाद महिलाएं और बच्चे देर शाम रोते-बिलखते कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और मदद की गुहार लगाई.

पुनर्वास न पट्टा, सवालों के घेरे में प्रशासन
पीड़ितों का कहना है कि सरकार भूमिहीनों को जमीन और मकान देने की बात तो करती है, लेकिन वर्षों से सरकारी जमीन पर रह रहे गरीब परिवारों को न तो पट्टा दिया गया और न ही किसी तरह का पुनर्वास. अचानक हुई इस कार्रवाई ने प्रशासन की संवेदनशीलता और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

महावीर कोलवासरी के लिए खाली कराई गई जमीन, जांच का भरोसा
जानकारी के अनुसार यह जमीन महावीर कोलवासरी को देने के लिए खाली कराई गई है. मामले की सूचना मिलते ही शहरी एसडीएम सुरेश जाधव और तहसीलदार प्रीति सिकरवार मौके पर पहुंचे और पीड़ितों को तहसील कार्यालय ले जाया गया. एसडीएम सुरेश जाधव ने कहा कि यह मामला चितरंगी क्षेत्र से जुड़ा है और जांच के बाद पीड़ितों को उचित सहायता दी जाएगी. फिलहाल इस कार्रवाई ने प्रशासन और आम जनता के बीच भरोसे की खाई को और गहरा कर दिया है.

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