मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज रतलाम में “संघ शताब्दी सभागार 2025” का लोकार्पण किया। यह कार्यक्रम सरस्वती विद्या मंदिर परिसर में आयोजित हुआ, जहां मुख्यमंत्री ने समाज और संस्कृति से जुड़ा एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया।
मुख्यमंत्री दोपहर में हेलीकॉप्टर से रतलाम की बंजली हवाई पट्टी पर पहुंचे, जहां उनका जोरदार स्वागत भाजपा नेताओं और अधिकारियों ने किया। इसके बाद वे सीधे काटजू नगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर पहुंचे, जहां नव-निर्मित “संघ शताब्दी सभागार 2025” का लोकार्पण किया गया। समारोह के बाद वे उज्जैन जिले के उन्हेल के लिए रवाना हो गए।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा — “समाज के कामों में हमारी राशि का सदुपयोग होना चाहिए। निजी स्तर पर हम सीमित काम कर सकते हैं, लेकिन सामाजिक उत्तरदायित्व को सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से निभाना सबसे आवश्यक है।” उन्होंने यह भी कहा कि बदलते दौर में हमारी सनातन संस्कृति और संस्कारों पर गर्व करना चाहिए, क्योंकि यही हमारी असली ताकत है।
कार्यक्रम में विद्या भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अखिलेश मिश्रा, प्रदेश के MSME मंत्री चेतन्य काश्यप, विधायक डॉ. राजेंद्र पांडे, विद्या भारती मालवा के प्रांतीय सचिव गोपाल काकानी, सरस्वती विद्या मंदिर शिक्षा समिति के पदाधिकारी, समाजसेवी और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे।
रतलाम की इस पावन भूमि पर आज फिर गूंजा एक ही संदेश —
“संस्कार, समाज और संस्कृति — यही है नए भारत की असली पहचान!”

