लखनऊ। वीरांगना झलकारी बाई की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें दिल से श्रद्धांजलि अर्पित की और बताया कि उनकी कथा केवल इतिहास नहीं, बल्कि भारत की हर बेटी के लिए अदम्य साहस और अटूट राष्ट्रभक्ति का जीवंत प्रेरणास्त्रोत है। उन्होंने कहा कि झलकारी बाई की बहादुरी की मिसाल आज भी पूरे देश में दी जाती है। उन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व अर्पित किया और स्त्री-शक्ति का ऐसा स्वरूप दिखाया, जो आने वाली पीढ़ियों को सदियों तक प्रेरित करता रहेगा।
सीएम योगी ने अपने आधिकारिक संदेश में लिखा कि झलकारी बाई अद्वितीय साहस, अद्भुत नेतृत्व और अप्रतिम रणकौशल की प्रतीक थीं। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में रानी लक्ष्मीबाई के सेनादल में वे नेतृत्व की अहम भूमिका में रहीं। उनकी रणनीति और पराक्रम ने उस समय की गुलामी की जंजीरों को तोड़ने का सशक्त संदेश दिया। उनका त्याग, शौर्य और मातृभूमि के प्रति समर्पण हर भारतीय बेटी के हृदय में आत्मविश्वास और शक्ति का संचार करता है।
इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि 22 नवंबर 1830 को जन्मीं झलकारी बाई ने रानी लक्ष्मीबाई की सेना के “दुर्गा दल” का नेतृत्व संभाला और युद्धभूमि में जिस दृढ़ता और धैर्य का परिचय दिया, वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अद्वितीय है। उनकी वीरता आज भी बुंदेलखंड की लोककथाओं और गीतों में जिंदा है, जहाँ लोग उन्हें देवी स्वरूप मानते हैं।
उनके त्याग, साहस और राष्ट्रनिष्ठा को स्मरण करते हुए ही पूरा देश आज उन्हें नमन कर रहा है।

