16 नवंबर… पूरा देश आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस मना रहा है। वही दिन जब भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना हुई थी और भारतीय पत्रकारिता को एक संरचना, एक जिम्मेदारी और एक शक्ति मिली थी। इसी मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देशभर के सभी पत्रकारों को दिल से शुभकामनाएँ दीं।
मुख्यमंत्री योगी ने एक्स पर लिखते हुए कहा— निष्पक्ष, निर्भीक और लोककल्याण के प्रति समर्पित पत्रकारिता ने हमेशा राष्ट्र-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारों का सत्य, संवेदनशीलता और पारदर्शिता के प्रति समर्पण समाज को दिशा देता है और जनता के विश्वास को मजबूत बनाता है।
अब अगर बात करें राष्ट्रीय प्रेस दिवस के इतिहास की— तो यह दिन इसलिए खास है क्योंकि 1966 में इसी तारीख को भारतीय प्रेस परिषद ने औपचारिक रूप से काम करना शुरू किया था। इससे पहले 1954 में पहली प्रेस आयोग ने सुझाव दिया था कि भारत में पत्रकारिता की नैतिकता, चुनौतियाँ और उसके सामने आने वाली समस्याओं को संभालने के लिए एक स्वतंत्र संस्था बनाई जानी चाहिए।
दस साल तक लगातार हुई चर्चाओं, बहसों और विचार-विमर्श के बाद न्यायमूर्ति जे.आर. मुधोलकर के नेतृत्व में भारतीय प्रेस परिषद का गठन हुआ। 4 जुलाई को इसकी स्थापना हुई और 16 नवंबर से इसने देश में अपनी जिम्मेदारी निभाना शुरू कर दिया। इसी कारण यह दिन आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है— पत्रकारों की निष्ठा, उनकी मेहनत और लोकतंत्र में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को सलाम करने का दिन।
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