CM योगी के विजन से बदलती यूपी की तस्वीर—कौशल, रोजगार, डिजिटल और एआई जॉब्स पर बड़ा फोकस

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार की दिशा में रिकॉर्ड बदलाव देखने को मिला है। सरकार की युवा-केंद्रित नीतियों ने न सिर्फ आधुनिक तकनीक में प्रशिक्षण के अवसर बढ़ाए, बल्कि स्वरोजगार, स्टार्टअप और इनोवेशन को नई ऊंचाई दी है। स्किल इंडिया मिशन और दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना के तहत प्रदेश के युवाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। इसी के साथ रोजगार मेलों और इंक्युबेशन सेंटरों ने युवाओं को सीधे उद्योगों से जोड़ने का काम किया है। वर्ष 2017 के बाद ITI और पॉलिटेक्निक संस्थानों का विस्तार ग्रामीण इलाकों तक हुआ है, जबकि इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। युवा-आधारित यह दृष्टि विकसित यूपी और विकसित भारत 2047 के विजन की मजबूत नींव बन चुकी है।

सीएम योगी के निर्देशन में अब तक 5 लाख 66 हजार से ज्यादा ITI और पॉलिटेक्निक प्रशिक्षित युवाओं को मिशन रोजगार के माध्यम से नौकरियां मिली हैं। प्रदेश के 2,800 से अधिक प्रशिक्षण केंद्र युवाओं को उद्योग आधारित कौशल उपलब्ध करा रहे हैं, जिससे बेरोजगारी में उल्लेखनीय कमी आई है। सीएम युवा उद्यमी योजना के तहत युवाओं को स्टार्टअप और स्व-रोजगार के लिए भी पूरा सहयोग दिया जा रहा है। राज्य में 1,747 सक्रिय ट्रेनिंग पार्टनर्स युवाओं को डिजिटल मार्केटिंग, ईवी मैन्युफैक्चरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य हाई-टेक क्षेत्रों में प्रशिक्षित कर रहे हैं। कौशल प्रतियोगिताओं ने युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने का मौका दिया है।

मेडिकल और इंजीनियरिंग शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रदेश ने ऐतिहासिक प्रगति दर्ज की है। जहां 2016-17 में सिर्फ 42 मेडिकल कॉलेज थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 80 तक पहुंच चुकी है। इससे MBBS सीटें बढ़ीं और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आया। इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी सीटें बढ़ी हैं, साथ ही स्टार्टअप इंक्यूबेटर्स ने उद्यमिता को नई दिशा दी है। यह प्रगति न केवल ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंची है, बल्कि महिलाओं, OBC और SC/ST समुदायों के लिए विशेष अवसर और आरक्षण ने समावेशी विकास को भी मजबूत किया है।

रोजगार सृजन में सबसे प्रभावी कदम नियमित रोजगार मेलों का आयोजन है। अगस्त 2025 में लखनऊ में आयोजित ‘रोजगार महाकुंभ’ में 100 कंपनियों ने 50,000 से अधिक नौकरियों के अवसर दिए। SBI, HDFC, Amazon, Mahindra, Swiggy, Zomato जैसी बड़ी कंपनियां इन आयोजनों का हिस्सा बनती हैं। आने वाले दिनों में लखनऊ, गोरखपुर, झांसी, वाराणसी और मुजफ्फरनगर में भी बड़े रोजगार मेले आयोजित होंगे, जिनमें 15,000 से अधिक नौकरियों की संभावनाएँ हैं। हर जिले में मासिक प्लेसमेंट ड्राइव भी चलाई जा रही है, जो युवाओं को सीधे नियोक्ताओं से जोड़ती है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुसार आने वाले वर्षों में यूपी को डिजिटल, एआई और ग्रीन जॉब्स का केंद्र बनाते हुए पूरे राज्य को एक “स्किल हब” के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।

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