भोपाल। मध्यप्रदेश वित्त विभाग द्वारा जारी किए गए नए अवकाश नियमों के गजट नोटिफिकेशन ने कर्मचारियों में नाराज़गी पैदा कर दी है। 24 नवंबर 2025 को जारी हुए ये नियम, जिन्हें ‘मध्य प्रदेश सिविल सेवा अवकाश नियम 2025’ नाम दिया गया है, 1 जनवरी 2026 से लागू होंगे। कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के उपाध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि नए नियमों में बहुत कुछ वैसे ही है जैसा पहले था, लेकिन महिलाओं की चाइल्ड केयर लीव में किए गए बदलाव बेहद आपत्तिजनक हैं।
अब तक महिला कर्मचारी अपने 18 साल तक के बच्चों की देखभाल, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए कुल 2 साल की चाइल्ड केयर लीव ले सकती थीं, और इस अवधि में किसी तरह की वेतन कटौती का प्रावधान नहीं था। उन्हें पूरा वेतन मिलता था। लेकिन नए नियमों में इसी सुविधा पर बड़ी कटौती कर दी गई है।
अब 1 जनवरी 2026 के बाद, जब कोई महिला 365 दिन की चाइल्ड केयर लीव ले चुकी होगी, तो उसके बाद मिलने वाले अगले 365 दिनों के अवकाश पर उसे सिर्फ 80% वेतन ही दिया जाएगा — चाहे वह अवकाश एक साथ ले या अलग-अलग हिस्सों में। यानी कुल 2 साल के अवकाश में आधे समय के बाद वेतन में सीधी 20% की कमी कर दी गई है।
महिला कर्मचारियों को पहले पूरा वेतन मिलता था और वे इस अवकाश को अपनी सुविधा के अनुसार टुकड़ों में लेती रही हैं, लेकिन नए प्रावधानों ने उन्हें सीधी आर्थिक चोट पहुंचाई है। इसी वजह से मोर्चा ने सरकार से इस नियम पर पुनर्विचार की मांग की है।

