भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के आरएसएस को लेकर दिए गए बयान के बाद प्रदेश की राजनीति में घमासान मचा हुआ है। जहां बीजेपी के कुछ नेता और समर्थक उनके बयान पर हमलावर हैं, वहीं कांग्रेस के भीतर भी इस बयान को लेकर समर्थन और विरोध दोनों सुर सुनाई दे रहे हैं।
इस पूरे मामले पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह हमेशा संगठन को मजबूत करने की बात करते रहे हैं और कांग्रेस की मजबूती उनके लिए सर्वोपरि है। पीसी शर्मा ने कहा कि महाराष्ट्र, हरियाणा, मध्यप्रदेश और बिहार में लगातार हो रही चुनावी हार को लेकर दिग्विजय सिंह चिंतित हैं और चाहते हैं कि हार का सिलसिला खत्म हो, कांग्रेस जीते और राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह की नेहरू-गांधी परिवार के प्रति निष्ठा जगजाहिर है और बीजेपी भी उनकी निष्ठा और राजनीतिक कद को मानती है। पक्ष हो या विपक्ष, जो भी उनके पास मदद के लिए आया, उन्होंने कभी मना नहीं किया।
पीसी शर्मा ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। मोदी और शाह हिंदुत्व की बात करते हैं, लेकिन बांग्लादेश समेत कई जगह हिंदू सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने देश की रक्षा करते हुए पाकिस्तान और बांग्लादेश को अलग किया था, जबकि आज सनातन धर्मी, साधु-संत और विभिन्न संगठन सरकार के खिलाफ खड़े हैं और सनातनियों पर अत्याचार हो रहा है।
वहीं बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने दिग्विजय सिंह पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह आज तक राम मंदिर के दर्शन करने नहीं गए। जो चर्च में जाकर क्रॉस को चूमते हैं और मजारों पर हरी चादर चढ़ाते हैं, वही दिग्विजय सिंह खुद को हिंदू बताते हैं। रामेश्वर शर्मा ने बेहद कड़े शब्दों में कहा कि दिग्विजय सिंह मुसलमान आक्रांताओं के तलवे चाटते हैं और अगर वे खुद को हिंदू मानते हैं तो सीना ठोककर यह कहें कि हिंदू उनके पूर्वज थे। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि सुधर जाओ नहीं तो जय जय श्रीराम।
इस बयानबाजी के बीच प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी दिग्विजय सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि संघ की तारीफ सुनकर ओसामा बिन लादेन की आत्मा रो रही होगी और जाकिर नाइक खुद को अनाथ महसूस कर रहा होगा। उन्होंने कहा कि जो नेता भगवा आतंकवाद जैसे शब्द गढ़ते थे, आज उन्हीं के मुंह से संघ की तारीफ सुनना हैरान करने वाला है।
नरोत्तम मिश्रा ने इसे राजनीतिक दबाव की रणनीति बताते हुए कहा कि कहीं यह आने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस हाईकमान पर दबाव बनाने की कोशिश तो नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि इससे पहले भी राज्यसभा चुनाव के समय इसी तरह सरकार को हिलाने की कोशिश की गई थी और अब दो महीने बाद फिर राज्यसभा चुनाव हैं, इसलिए यह सब दबाव बनाने की राजनीति हो सकती है।

