मानसरोवर समूह के आयुर्वेदिक महाविद्यालयों में धनवंतरी पूजन के साथ ‘दीक्षारंभ 2025’ संपन्न

मानसरोवर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के आयुर्वेदिक महाविद्यालयों में पंद्रह दिवसीय दीक्षारंभ ‘ट्रांजिशनल कर्रिकुलम प्रोग्राम’ बैच 2025-26 का समापन मंगलवार को धन्वंतरि पूजन एवं हवन सहित ‘संवादम’ कार्यक्रम के साथ किया गया। मानसरोवर के हिनोतिया आलम प्रांगण में आयोजित समापन समारोह में मानसरोवर आयुर्वेदिक कॉलेज, हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर, श्री साईं इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक रिसर्च एंड मेडिसिन और फैकल्टी ऑफ आयुर्वेदा, मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी के नवप्रवेशित भावी वैद्यों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

समारोह में विद्यार्थियों से संवाद करते हुए जाने-माने मोटिवेशनल गुरु और लाइफ कोच डॉ. राजीव अग्रवाल ने कहा कि सीखने की कवायद जीवन भर बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति तीन फैक्ट्री लगा ले तो जीवन ‘सेटिसफैक्ट्री’ हो जाएगा – दिमाग में ‘आइस फैक्ट्री’ है तो आप कूल हैं, जुबान पर ‘शुगर फैक्ट्री’ है तो आप सरल बने रहेंगे और दिल में ‘स्टील फैक्ट्री’ है तो बात बात पर दिल टूटेगा नहीं। विद्यार्थियों से संवाद करते हुए एनसीआईएएसएम नई दिल्ली के मेंबर डॉ. कमलेश कुमार द्विवेदी ने आयुर्वेद के क्षेत्र में रिसर्च, पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप और इंटर्नशिप की विभिन्न सरकारी योजनाओं और अवसरों पर प्रकाश डाला।

इससे पहले सत्र का शुभारंभ प्रमुख वक्ता लाइफ कोच एवं मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. राजीव अग्रवाल, मुख्य अतिथि आरोग्य भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय, मुख्य अतिथि एनसीआईएएसएम के मेंबर प्रो. के.के. द्विवेदी, मुख्य अतिथि एआईआईए नई दिल्ली के प्रोफेसर महेश व्यास, सहित मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी के कुलगुरु डॉ. ए.एस. यादव द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। जिसके बाद अतिथियों का स्वागत भाषण मानसरोवर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर अनुराग सिंह राजपूत द्वारा प्रस्तुत किया गया। वहीं प्रोफेसर विकास जैन ने दीक्षारंभ 2025 की रिपोर्ट सभी के समक्ष प्रस्तुत की। कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु मानसरोवर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के चीफ एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर इंजी. गौरव तिवारी ने सभी को शुभकामनाएँ प्रेषित कीं। अंत में सभी का आभार श्री साईं इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक रिसर्च एंड मेडिसिन की प्राचार्या डॉ. मनीषा राठी द्वारा प्रेषित किया गया। मंच संचालन डॉ. ध्रुव तिवारी द्वारा किया गया। इस दौरान फैकल्टी ऑफ आयुर्वेदा के प्राचार्य डॉ. श्रीकांत पटेल सहित बड़ी संख्या में प्राध्यापक, प्राध्यापिकाएँ और विद्यार्थीगण मौजूद रहे।

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