लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कफ सिरप तस्करी सिंडिकेट पर प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर दी है। प्रदेशभर में सिंडिकेट से जुड़े आरोपियों के 25 ठिकानों पर एक साथ दबिश दी गई है। लखनऊ, वाराणसी, जौनपुर और सहारनपुर में छापेमारी जारी है, जिसमें लखनऊ के बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह की कोठी भी शामिल है। ED की टीम वित्तीय लेन-देन, हवाला रूट और विदेशी कनेक्शनों की गहराई से जांच कर रही है।
कफ सिरप तस्करी के इस सिंडिकेट पर पहले ही कार्रवाई का सिलसिला जारी था। 4 दिसंबर को जौनपुर में कोडीन युक्त कफ सिरप मामले में एसआईटी ने तीन दिनों में 16 फार्म संचालकों के 30 बैंक खाते फ्रीज किए थे। जौनपुर से बिलिंग होकर यह कफ सिरप गाजीपुर, आजमगढ़, प्रतापगढ़, चंदौली, मिर्जापुर और वाराणसी जैसे जिलों में भेजा गया था।
जौनपुर शहर कोतवाली में कुल 18 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है, जिनसे जुड़े वित्तीय लेन-देन का आंकड़ा लगभग 45 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। जांच में यह भी सामने आया कि 12 फॉर्म सीधे सिंडिकेट के मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल और उनके पिता भोला प्रसाद सिंह की फर्म “सेल ट्रेडर्स, रांची” से जुड़े हैं, जहां 42 करोड़ रुपये से ज्यादा का खेल हुआ है। इसके अलावा दिल्ली की “वानिया इंटरप्राइजेज” से जुड़े तीन फॉर्म भी सामने आए, जिसे विशाल उपाध्याय संचालित करता है, और इस फर्म से जुड़े लेन-देन का आंकड़ा 261 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।
ED की छापेमारी अभी जारी है और आने वाले दिनों में इस तस्करी नेटवर्क के कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।

