उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के नेतृत्व में अन्नदाताओं का भरोसा लगातार मजबूत होता जा रहा है। राज्य सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि विपणन सत्र 2025-26 में धान की खरीदी में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिल रही है। बुधवार दोपहर साढ़े तीन बजे तक प्रदेशभर में कुल 41,583 किसानों से 2.43 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद पूरी हो चुकी है। सरकार ने अब तक किसानों की सुविधा के लिए 4,110 खरीद केंद्र स्थापित किए हैं, जहां पारदर्शी तरीके से खरीद जारी है।
खाद्य एवं रसद विभाग के अनुसार, धान (कॉमन) की कीमत 2369 रुपये और ग्रेड-ए धान की कीमत 2389 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है। अब तक 3,58,372 किसानों ने धान बिक्री के लिए पंजीकरण कराया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और लखनऊ संभाग के हरदोई, लखीमपुर खीरी और सीतापुर में 1 अक्टूबर से खरीदी शुरू हो चुकी है, जबकि लखनऊ, उन्नाव और रायबरेली में यह प्रक्रिया 1 नवंबर से आरंभ हुई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश हैं कि किसानों को भुगतान 48 घंटे के भीतर किया जाए। किसानों को उनका भुगतान सीधे उनके आधार लिंक्ड बैंक खाते में भेजा जा रहा है, ताकि बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह खत्म हो सके। खरीदी प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए सभी केंद्रों पर ई-पॉप (इलेक्ट्रॉनिक प्वॉइंट ऑफ परचेज) डिवाइस के जरिए किसानों का बायोमीट्रिक सत्यापन किया जा रहा है।
सरकार ने किसानों की सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1800-1800-150 जारी किया है, जहां वे अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं या जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इन सभी व्यवस्थाओं के साथ योगी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि राज्य का हर अन्नदाता बिना किसी परेशानी के अपनी उपज बेच सके और समय पर उसका पूरा मूल्य प्राप्त करे।
उत्तर प्रदेश का किसान अब आत्मविश्वास के साथ कह सकता है —
“मेरे पसीने की कीमत अब सरकार खुद तय करती है, बिचौलियों नहीं।

