लखनऊ से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती समारोह के मौके पर प्रदेशभर से “एकता यात्रा” का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने देश की एकता, अखंडता और राष्ट्रभक्ति पर जोशीला संदेश देते हुए विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग आज भी देश की एकता और अखंडता से ऊपर अपने मजहब और व्यक्तिगत आस्था को रखते हैं। ऐसे लोग न सिर्फ देश के लिए खतरा हैं बल्कि समाज में विभाजन की जड़ भी वही हैं।
योगी ने कहा कि वंदे मातरम वह गीत है जिसने भारत की सोई चेतना को जगाया था, जिसने आज़ादी के आंदोलन को दिशा दी थी। लेकिन दुर्भाग्य है कि जिस गीत ने देश को स्वतंत्रता की राह दिखाई, उसी पर अब राजनीति की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि पहले कांग्रेस ने तुष्टिकरण की नीति के तहत वंदे मातरम में संशोधन किया और आज कुछ लोग उसके गाने से इनकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “जो लोग वंदे मातरम का विरोध करते हैं, वही लोग जिन्ना को सम्मान देते हैं और सरदार पटेल की जयंती पर चुप रहते हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी धर्म, मत या मजहब राष्ट्र से बड़ा नहीं हो सकता। अगर किसी की आस्था राष्ट्रीय एकता के आड़े आती है, तो उसे एक ओर रख देना चाहिए। उन्होंने चेतावनी भरे लहज़े में कहा कि समाज को बांटने वाले कारणों को ढूंढना होगा, और अगर कोई नया जिन्ना पैदा होने की कोशिश करेगा, तो उसे पैदा होने से पहले ही दफन कर देना होगा।
योगी आदित्यनाथ ने वंदे मातरम को “धरती माता की उपासना का गीत” बताते हुए कहा कि यह केवल एक गीत नहीं, बल्कि मातृभूमि के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। उन्होंने घोषणा की कि अब उत्तर प्रदेश के हर स्कूल और शैक्षणिक संस्थान में वंदे मातरम का गायन अनिवार्य किया जाएगा, ताकि हर बच्चे के मन में भारत माता के प्रति सम्मान और समर्पण की भावना विकसित हो।
कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को नमन करते हुए कहा कि सरदार पटेल भारत की अखंडता के सच्चे शिल्पी हैं, जिन्होंने सैकड़ों रियासतों को जोड़कर एक भारत का निर्माण किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से केवड़िया में “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” के रूप में सरदार पटेल का स्मारक पूरी दुनिया के सामने भारत की एकता और शक्ति का प्रतीक बनकर खड़ा है।
सीएम योगी का यह संदेश सिर्फ एक भाषण नहीं था — यह देश की एकता, राष्ट्रीयता और भारत माता के सम्मान की भावना को फिर से जीवित करने का आह्वान था।

