अलविदा आशीष… नरसिंहपुर में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई

नरसिंहपुर आज एक वीर बेटे को नम आँखों से विदा करता नज़र आया। नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए जवान आशीष शर्मा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया, और उन्हें अंतिम विदाई देने हज़ारों लोग उमड़ पड़े। पूरा माहौल गम से भरा था, लेकिन साथ ही दिलों में आशीष के साहस और बलिदान के लिए गर्व भी था।

छत्तीसगढ़–महाराष्ट्र सीमा के पास बोरतालाब में हुई मुठभेड़ के बाद आशीष शर्मा का पार्थिव शरीर गुरुवार को बालाघाट लाया गया, जहां अंबेडकर चौक से श्रद्धांजलि यात्रा निकली। पुलिस लाइन में शोक परेड हुई और पूरा प्रशासनिक अमला मौजूद रहा। इसके बाद शव को उनके पैतृक गांव बोहनी, नरसिंहपुर ले जाया गया। जैसे ही परिजनों की नज़र आशीष पर पड़ी, घर में चीखें गूंज उठीं और पूरा गांव गम में डूब गया।

पैतृक गांव में शहीद आशीष को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल, मंत्री उदय प्रताप सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और कई वरिष्ठ अधिकारी现场 मौजूद रहे। हर व्यक्ति की आँखों में एक ही बात साफ दिखाई दे रही थी—मध्यप्रदेश ने आज अपना बहादुर बेटा खो दिया है।

अंतिम संस्कार के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि दुःख की इस घड़ी में पूरा मध्यप्रदेश आशीष के परिवार के साथ खड़ा है। उनका शौर्य हमेशा याद रखा जाएगा। गांव में आशीष शर्मा की स्मृति में एक पार्क और एक स्टेडियम बनाया जाएगा। इसके साथ ही उनके छोटे भाई को सब-इंस्पेक्टर पद पर नियुक्त किया जाएगा।

आज आशीष शर्मा सिर्फ एक नाम नहीं रहे… वे साहस, कर्तव्य और बलिदान की मिसाल बन चुके हैं। उनकी आखिरी यात्रा ने हर किसी के दिल में एक ही शब्द छोड़ दिया—जय हिन्द, वीर सपूत।

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