मध्यप्रदेश के बैतूल जिला अस्पताल से एक बार फिर शर्मनाक और दर्दनाक लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां इलाज के इंतज़ार में तड़पती एक प्रसूता ने आखिरकार दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है कि अगर समय पर इलाज मिल जाता, तो शायद उनकी बेटी, उनकी बहू आज ज़िंदा होती।
मृतका घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के इमलीखेड़ा गांव की रहने वाली थी। सात दिन पहले उसकी सामान्य डिलीवरी हुई थी, लेकिन अचानक सांस लेने में दिक्कत होने पर परिजन उसे फिर से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। सुबह 6 बजे से लेकर शाम तक महिला बेड पर तड़पती रही, लेकिन कोई डॉक्टर उसके पास नहीं आया। हालत गंभीर होने पर जब वह बेसुध हो गई, तब उसे ICU में शिफ्ट किया गया—और डॉक्टर वहां से चली गईं।
मौत के बाद हालात और भी विचलित करने वाले थे। डॉक्टर ने महिला की निरक्षर सास से बिना बताए कोरे कागज़ पर अंगूठा लगवा लिया। वहीं सात दिन की मासूम नवजात को गोद में लेकर दादी बिलखती रही। पति और सास को मौत की असली वजह नहीं बताई गई, और उन्हें मीडिया से बात करने से भी रोका गया।
बताया जा रहा है कि जिस महिला डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप है, उस पर पहले भी अवैध वसूली और लापरवाही के कई गंभीर आरोप लग चुके हैं। परिवार ने अब न्याय की मांग की है, और इस घटना ने एक बार फिर जिला अस्पताल की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

