पटना। बिहार चुनाव खत्म होते ही जन सुराज के संस्थापक और चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर एक बार फिर सुर्खियों में लौट आए हैं। मतदान से पहले पीके लगातार दावा कर रहे थे कि जनता दल यूनाइटेड को इस चुनाव में 25 से ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी, लेकिन नतीजों ने तस्वीर पूरी तरह बदल दी। जेडीयू को मिली 85 सीटें और बीजेपी के खाते में गई 89 सीटों ने पूरे बिहार में एनडीए की ऐतिहासिक जीत तय कर दी, जबकि विपक्ष लगभग चित हो गया।
इसी बीच पटना की सड़कों पर लगे पोस्टरों ने राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा छेड़ दी है। इन पोस्टरों में लिखा है कि प्रशांत किशोर ने राजनीति से संन्यास ले लिया है। ‘नारी शक्ति’ नाम के समूह द्वारा लगाए गए इन पोस्टरों में दावा किया गया है कि जेडीयू को 25 से ज्यादा सीटें मिलने के बाद प्रशांत किशोर ने खुद ही राजनीति छोड़ने का फैसला कर लिया है।
बिहार में 243 सीटों में से एनडीए ने इस बार 202 सीटों पर कब्जा जमाया है, जिसमें बीजेपी को 89, जेडीयू को 85, एलजेपी(रामविलास) को 19, हम को 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4 सीटें मिली हैं। वहीं महागठबंधन को सिर्फ 36 और अन्य को 6 सीटें हासिल हुईं।
अब पोस्टरों के बाद सवाल ये उठ रहा है कि क्या वाकई पीके राजनीति से संन्यास ले रहे हैं या ये सिर्फ राजनीतिक मीम की तरह फैलाया गया शोर है?

