ग्वालियर। छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड के बाद अब मध्य प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है। ग्वालियर में बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने छह दवाओं के उपयोग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने लिखित आदेश भी जारी किया है।
दरअसल, मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के निर्देश पर यह निर्णय लिया गया है। सिविल सर्जन को ईमेल के जरिए यह आदेश भेजे गए, जिसमें साफ कहा गया कि इन छह दवाओं का उपयोग अगले आदेश तक न किया जाए।
सिविल सर्जन डॉ. आर.के. शर्मा ने सभी सरकारी अस्पतालों, दवा वितरण केंद्रों और प्रसूति गृहों के प्रभारी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यदि इन दवाओं का कोई भी स्टॉक मौजूद है तो उसे तुरंत सिविल सर्जन स्टोर में जमा कराया जाए।
स्वास्थ्य विभाग की इस सूची में जिन दवाओं पर रोक लगाई गई है, उनमें शामिल हैं —
एंटीबायोटिक इंजेक्शन मेरोपेनम,
सिप्रोफ्लोक्सेसिन 250 एमजी टैबलेट,
पेट साफ करने वाला सिरप लेक्टूलोज 10 एमएल और 15 एमएल,
पेट में कीड़े की दवा एल्बेंडाजोल 400 एमजी,
खाली पेट दी जाने वाली रेबीप्राजोल 20 एमजी टैबलेट,
और इलेक्ट्रोलाइट पी।
कफ सिरप कांड के बाद यह कदम एहतियातन उठाया गया है ताकि किसी भी तरह की दवा से जुड़ी लापरवाही या स्वास्थ्य जोखिम को रोका जा सके। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जांच पूरी होने तक इन दवाओं का उपयोग किसी भी स्थिति में नहीं किया जाएगा।

