महाकाल की नगरी में भव्य सामूहिक विवाह सम्मेलन संपन्न
महाकाल की पावन धरती उज्जैन आज एक ऐतिहासिक पल की साक्षी बनी, जहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में भव्य सामूहिक विवाह सम्मेलन धूमधाम से संपन्न हुआ। वैदिक मंत्रों के बीच एक साथ 21 जोड़ों ने पवित्र अग्नि के फेरे लिए, और इसी बीच सबसे खास और चर्चा का केंद्र रहा—मुख्यमंत्री के छोटे बेटे डॉ. अभिमन्यु यादव का विवाह, जो इसी सामूहिक सम्मेलन में इशिता के साथ सात फेरे लेते नज़र आए।
ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर धीरेंद्र शास्त्री तक कई दिग्गज हुए शामिल
सामूहिक बारात जब शहर के रास्तों से निकली, तो हर मोड़ पर फूलों की बरसात और शानदार स्वागत देखने को मिला। दुल्हनें जब पारंपरिक बग्गियों पर सवार होकर मंडप तक पहुँचीं, तो पूरा वातावरण किसी त्योहार की तरह जगमगा उठा। कार्यक्रम में राज्यपाल मंगू भाई पटेल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, फग्गन सिंह कुलस्ते, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, योग गुरु बाबा रामदेव और अनेक संत-महंतों की उपस्थिति ने समारोह की गरिमा और बढ़ा दी।
धीरेंद्र शास्त्री और बाबा रामदेव ने की सीएम की प्रशंसा
मंच से पंडित धीरेंद्र शास्त्री और बाबा रामदेव ने मुख्यमंत्री की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा—”इतिहास में पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने अपने पुत्र का विवाह सामूहिक विवाह सम्मेलन में कराकर जो मिसाल पेश की है, वह सादगी, समानता और सामाजिक संदेश का अद्भुत संगम है। यह एक प्रेरणा है जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाएगी।”
सीएम बोले– दिखावे की होड़ रुकेगी
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सामूहिक विवाह जैसे आयोजन समाज को दिखावे की अनावश्यक होड़ से बचाते हैं और गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह में बड़ी मदद करते हैं। उन्होंने इस पूरे आयोजन को मध्यप्रदेश की संस्कृति और परंपरा का प्रतीक बताया।
पूरे देश में चर्चा का केंद्र बना यह आयोजन
महाकाल की कृपा से शुरू हुआ यह भव्य सामूहिक विवाह सम्मेलन अब पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुका है। इसने यह साबित कर दिया कि सत्ता का अर्थ सिर्फ कुर्सी नहीं, बल्कि समाज की बेहतरी की दिशा में कदम बढ़ाना भी है।
नव दंपतियों ने जताया आभार
आयोजन में विवाह बंधन में बंधे अन्य जोड़ों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया। दुल्हनों ने कहा कि पहले लोग सामूहिक विवाह में शादी करने से संकोच करते थे, लेकिन आज इस आयोजन ने हर सोच बदल दी है। अब सामूहिक विवाह सम्मेलन में शादी करना गर्व की बात बन जाएगी, ना कि शर्म की।

