भोपाल। IAS संतोष वर्मा के विवादित बयान ने प्रदेश की राजनीति और समाज में जोरदार बहस छेड़ दी है। ब्राह्मण बेटियों को लेकर दिए गए कथित बयान के बाद जब मामला बड़ा हुआ, तो संतोष वर्मा सामने आए और उन्होंने ब्राह्मण समाज से माफी मांगते हुए कहा कि यदि उनके शब्दों से किसी की भावना आहत हुई है, तो वे उसके लिए क्षमाप्रार्थी हैं।
उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनका पूरा 27 मिनट का भाषण छोड़कर सिर्फ 9 सेकंड का हिस्सा वायरल किया गया है, जिसे तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि यह असली और नकली अजाक्स की लड़ाई का हिस्सा है और जल्द ही वे उन लोगों के नाम उजागर करेंगे जिन्होंने यह हरकत की है। संतोष वर्मा का कहना है कि उन्होंने ‘दान’ नहीं बल्कि ‘कन्यादान’ शब्द का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा कि उनकी सोच हमेशा रोटी-बेटी के रिश्ते की रही है, उनकी अपनी बेटी भी दूसरे समाज में ब्याही है और वे खुद एक सनातनी हैं जो नियमित पूजा-पाठ करते हैं।
उधर सपाक्स पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व IAS डॉ. हीरालाल त्रिवेदी ने इस बयान को ‘घटिया, निर्दिष्ट और निंदनीय’ बताया है। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज की बेटी को लेकर इस तरह की टिप्पणी स्वीकार्य नहीं है। त्रिवेदी ने संतोष वर्मा के सामाजिक बहिष्कार की मांग की है, साथ ही FIR दर्ज कर गिरफ्तारी और सरकारी कार्रवाई की भी बात कही है। उनका कहना है कि जो व्यक्ति अपनी बेटी और दूसरे की बेटी में भेद करता हो, वह किसी सामाजिक पद पर रहने का अधिकार नहीं रखता।
इस पूरे विवाद के बीच अब सबकी नजर इस बात पर है कि आगे प्रशासन और सरकार की ओर से क्या कदम उठाए जाते हैं।

