बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल अब पूरी तरह गरम हो चुका है।
एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच यह सियासी जंग अब अपने सबसे दिलचस्प मोड़ पर पहुँच गई है।
जहाँ एक ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में लगातार रैलियाँ कर रहे हैं,
वहीं अब मैदान में उतरने जा रहे हैं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव।
सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव 1 नवंबर से बिहार के तीन जिलों — पूर्णिया, मधुबनी और दरभंगा में चुनावी सभाएँ करेंगे।
तीन दिनों के बिहार दौरे में वे महागठबंधन (INDIA गठबंधन) के प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभाएँ और रोड शो करने वाले हैं।
उनका फोकस रहेगा सीमांचल और मिथिलांचल के वोटरों पर, जहाँ सपा अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
इतना ही नहीं, सपा की स्टार प्रचारकों की लिस्ट में डिंपल यादव का नाम भी शामिल है।
खबर है कि डिंपल यादव भी बिहार के चुनाव प्रचार में हिस्सा ले सकती हैं।
अगर ऐसा होता है, तो सपा कार्यकर्ताओं में जोश और ऊर्जा का एक नया उबाल देखने को मिलेगा।
वहीं, चुनाव आयोग ने भी पूरे शेड्यूल का ऐलान कर दिया है।
बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर दो चरणों में मतदान होगा।
पहला चरण 6 नवंबर को — जिसमें 121 सीटों पर वोटिंग होगी,
और दूसरा चरण 11 नवंबर को — जिसमें 122 सीटों पर मतदान होगा।
वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी, और इसी दिन तय हो जाएगा कि बिहार की सत्ता पर कौन काबिज होगा।
वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है।
अब जैसे-जैसे तारीखें नज़दीक आ रही हैं, सियासी पारा तेजी से चढ़ रहा है।
एक तरफ एनडीए की ओर से योगी आदित्यनाथ, चिराग पासवान और गिरिराज सिंह लगातार रैलियाँ कर रहे हैं,
तो दूसरी ओर इंडिया गठबंधन की तरफ से अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव और राहुल गांधी मैदान संभालने को तैयार हैं।
राजनीतिक जानकारों का कहना है —
बिहार का यह चुनाव सिर्फ सत्ता की लड़ाई नहीं, बल्कि 2029 की राजनीति का ट्रेलर भी साबित हो सकता है।
और जैसे-जैसे नेता मैदान में उतर रहे हैं…
वैसे-वैसे बिहार की सियासत का तापमान अब “गरम” नहीं, धधकता हुआ नज़र आने लगा है।

