लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने देश के औद्योगिक मानचित्र पर अपनी मजबूती से मौजूदगी दर्ज कराई है। प्रदेश में विकसित 286 औद्योगिक पार्कों में कुल 33,327 हेक्टेयर भूमि पर उद्योग सक्रिय रूप से संचालित हैं।
देश के कई प्रमुख राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश में औद्योगिक भूमि का बड़ा हिस्सा उद्योगों के लिए उपयोग में है। यह साफ दिखाता है कि यहां निवेश सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रहा बल्कि वास्तविक उत्पादन और रोजगार सृजन में बदल गया है।
विशेषज्ञ एसके आहूजा के अनुसार योगी सरकार के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश देश का एक बड़ा औद्योगिक पावरहाउस बन रहा है।
तेलंगाना जैसे राज्यों में अभी भी बड़ी औद्योगिक भूमि खाली है, लेकिन उत्तर प्रदेश ने प्रभावी नीति और जमीन का बेहतर उपयोग कर निवेशकों का विश्वास जीता है।
सरकार ने केवल भूमि आवंटन पर ही नहीं, बल्कि बेहतर कानून-व्यवस्था, प्रशासनिक सुधार और आधुनिक बुनियादी ढांचे के विस्तार पर भी ध्यान दिया है। एक्सप्रेस-वे, एयरपोर्ट और बेहतर कनेक्टिविटी ने निवेशकों के लिए प्रदेश को आकर्षक बनाया है।
उत्तर प्रदेश में ‘एक जनपद, एक उत्पाद’, डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, मेडिकल डिवाइस पार्क, फार्मा पार्क और टेक्सटाइल हब जैसी योजनाएं पूरे प्रदेश में संतुलित औद्योगिक विकास को बढ़ावा दे रही हैं। इससे पूर्वांचल, बुंदेलखंड और पश्चिमी यूपी जैसे पिछड़े क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर बढ़े हैं और क्षेत्रीय असमानता कम हुई है।
सरकार अब ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल पर जोर दे रही है, जिसमें निवेशकों को पहले दिन से ही पूरी तरह से तैयार अवसंरचना उपलब्ध कराई जाती है। यह मॉडल उत्तर प्रदेश को औद्योगिक मामले में अन्य राज्यों से आगे ले जाएगा और प्रदेश के औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयां देगा।

