मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन के समग्र नगरीय विकास की समीक्षा करते हुए स्पष्ट कहा कि इन शहरों का विकास सिर्फ सड़कों और इमारतों के निर्माण तक सीमित नहीं रहेगा। नया मॉडल ऐसा होगा जिसमें हर शहर की पहचान, उसकी संस्कृति, इतिहास और आधुनिक सुविधाओं का संतुलन साफ दिखाई देगा।
सीएम योगी ने आदेश दिए कि सभी परियोजनाएं चरणबद्ध ढंग से लागू हों, तय समय में पूरी हों और सबसे महत्वपूर्ण—हर नागरिक को इनका प्रत्यक्ष लाभ महसूस हो। साथ ही मेरठ में प्रस्तावित बिजली बम्बा बाईपास को लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर की तरह पीपीपी मॉडल पर विकसित करने के निर्देश भी दिए गए।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तीनों मंडलों के मंडलायुक्तों ने अपनी-अपनी कार्ययोजनाएं प्रस्तुत कीं। बताया गया कि अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज की तरह अब इन तीन शहरों के लिए भी एकीकृत विकास मॉडल लागू किया जा रहा है। कुल 478 परियोजनाओं का ब्लूप्रिंट तैयार है—मेरठ में 111, कानपुर में 109 और मथुरा-वृंदावन में 258। सभी परियोजनाओं को अल्पकालिक, मध्यमकालिक और दीर्घकालिक श्रेणी में बांटकर उनकी स्पष्ट समयसीमा तय की गई है।
पहले चरण में वर्ष 2025-26 के लिए मेरठ में 11, कानपुर में 13 और मथुरा-वृंदावन में 14 प्राथमिक परियोजनाओं पर काम होगा। इन परियोजनाओं का फोकस है—यातायात सुधार, चौराहों का पुनर्विकास, मल्टीलेवल पार्किंग, हरित क्षेत्र, सड़क और पेवमेंट सुधार, बिजली लाइनों का भूमिगतकरण, जल प्रबंधन, पर्यटन सुविधाओं का विस्तार और शहरों का सौंदर्यीकरण।
मेरठ में प्रस्तावित विकसित योजनाओं में बिजली बम्बा बाईपास, लिंक रोड, हापुड़ अड्डा से गांधी आश्रम तक सड़क चौड़ीकरण, ईस्टर्न कचहरी रोड, सूरजकुंड चौराहा, 19 प्रमुख चौराहों का जंक्शन इम्प्रूवमेंट, संजय वन, शहर का जल पुनर्चक्रण सिस्टम और यूनिवर्सिटी रोड क्षेत्रीय पुनर्विकास शामिल है।
कानपुर के लिए विकास का आधार तय किया गया—“रूटेड इन लेगेसी, राइजिंग टू टुमॉरो।” यानी शहर अपनी विरासत से जुड़ेगा, लेकिन भविष्य की जरूरतों के अनुरूप भी बदलेगा। इसमें मैनावती मार्ग चौड़ीकरण, मल्टीलेवल पार्किंग, मास्टर प्लान सड़कों का निर्माण, ग्रीन पार्क के आसपास शहरी डिजाइन सुधार, मकसूदाबाद सिटी फॉरेस्ट, बोटैनिकल गार्डन, वीआईपी रोड, रिवरफ्रंट लिंक, ग्रीनफील्ड कॉरिडोर और मेट्रो विस्तार जैसी प्रमुख योजनाएं शामिल हैं।
मथुरा-वृंदावन के लिए “विजन-2030” के तहत धार्मिक और पर्यटन आधारित विकास को केंद्र में रखा गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्ट्रीट फसाड डेवलपमेंट, मल्टीलेवल पार्किंग, बस पार्किंग, प्रवेश द्वारों का सौंदर्यीकरण, बरसाना-गोवर्धन-राधाकुंड कॉरिडोर सुधार, परिक्रमा मार्ग पर सुविधाएं और शहर से धार्मिक स्थलों तक बेहतर संकेतक व प्रकाश व्यवस्था की योजना तैयार की गई है।
सीएम योगी ने कहा कि इन सभी योजनाओं में नवाचार, बेहतर प्रबंधन और मजबूत वित्तीय संयोजन जरूरी होगा। जहां संभव हो, वहां पीपीपी मॉडल अपनाया जाए और रेवेन्यू शेयरिंग के आधार पर निजी क्षेत्र का साथ लिया जाए।
उनका कहना था कि लक्ष्य सिर्फ विकास नहीं, बल्कि ऐसा शहरी ढांचा तैयार करना है जो ट्रैफिक को आसान बनाए, पैदल यात्रियों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को प्राथमिकता दे, शहरों को अधिक हरित बनाए और हर नगर की अपनी स्थानीय पहचान को और अधिक मजबूत करे।
उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर इन परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त बजट बिना किसी देरी के उपलब्ध कराया जाएगा।

