“अब पूरे देश में चलेगा बिहार वाला मॉडल — वोटर लिस्ट की होगी सफाई, नेताओं ने दी SIR को हरी झंडी!

पटना। देशभर में चुनाव आयोग ने एक बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने घोषणा की है कि अब पूरे भारत में SIR यानी Systematic Information Revision लागू किया जाएगा। यह वही प्रक्रिया है जो सबसे पहले बिहार में आज़माई गई थी, और वहां इसे बेहद सफल माना गया। अब इसी सफलता के आधार पर इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने का फैसला हुआ है।

जब बिहार में SIR की शुरुआत हुई थी, तब विपक्षी दलों ने इसे लेकर काफी हंगामा मचाया था। आरोप लगाए गए कि इससे मतदाता सूची में गड़बड़ियां होंगी, लेकिन नतीजों ने सब कुछ साफ कर दिया — SIR ने वोटर लिस्ट को और पारदर्शी बना दिया।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज़ हुसैन ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि, “जब SIR बिहार में लागू हुआ था, तब राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जैसी पार्टियों ने इसे राजनीतिक मुद्दा बना दिया था। लेकिन सच्चाई यह है कि इस प्रक्रिया से मतदाता सूची अधिक शुद्ध और भरोसेमंद बनी। अब यही मॉडल पूरे देश में लागू होना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा लंबे समय से मांग कर रही थी कि वोटर लिस्ट में पारदर्शिता और शुद्धता बनाए रखने के लिए SIR जैसी व्यवस्था ज़रूरी है। और अब चुनाव आयोग ने जो फैसला लिया है, वह लोकतंत्र को मज़बूत करने वाला कदम है।

इसी तरह हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी SIR का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि “आज भी वोटर लिस्ट में कई गड़बड़ियां हैं — कहीं मृत व्यक्तियों के नाम बने रहते हैं, कहीं एक व्यक्ति का नाम दो जगह दर्ज है, और कुछ लोग तो दूसरे राज्यों से आकर भी वोट डाल देते हैं। SIR जैसी व्यवस्था इन सब गलतियों को खत्म करने का एक ठोस तरीका है।”

मांझी ने कहा कि संविधान स्पष्ट रूप से कहता है — भारत में जन्मे नागरिक का ही नाम मतदाता सूची में होना चाहिए, और SIR इस सिद्धांत को लागू करने का सबसे कारगर उपाय है।

बिहार सरकार के मंत्री संतोष कुमार सुमन ने भी कहा कि “शुरुआत में विपक्ष ने बिहार में इस प्रक्रिया का विरोध किया था, लेकिन अब नतीजे सामने हैं। किसी वैध मतदाता का नाम नहीं कटा, बल्कि जिनका नाम दो जगह था, उन्हें हटाया गया। इससे वोटर लिस्ट साफ और भरोसेमंद बनी।”

अब जब चुनाव आयोग ने देशव्यापी स्तर पर इसे लागू करने का फैसला किया है, तो यह लोकतंत्र की दिशा में एक नया और ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
नेताओं का मानना है कि इससे भविष्य के चुनाव और भी पारदर्शी, निष्पक्ष और विश्वसनीय बनेंगे — क्योंकि अब हर वोट, सच्चे मतदाता का होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *